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Today Gold Prices : सोने के रेटों ने शादी मांगलिक कार्यों वाले परिवारों की बढ़ाई चिंता, भाव में आई रिकार्ड तेजी 

हारी सीजन में सोना और चांदी के दाम रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गए हैं। रोज चढ़ रहे भाव से निवेशकों के चेहरे खिले हैं, लेकिन शादी-मांगलिक कार्यों के लिए गहने खरीदने वाले परेशान हैं।
 

सोने के भाव तेजी से नया रिकार्ड बना रहे है। जहां पर सोने के भाव लगातार लाइफ टाइम हाई बना रहा है। इसके कारण शादी जैसे मांगलिक कार्य करने वाले परिवारों की चिंता को बढ़ा दिया है और आम आदमी की पहुंच से सोना बाहर होता जा रहा है। त्योहारी सीजन में सोना और चांदी के दाम रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गए हैं।

रोज चढ़ रहे भाव से निवेशकों के चेहरे खिले हैं, लेकिन शादी-मांगलिक कार्यों के लिए गहने खरीदने वाले परेशान हैं। बीते एक माह में ही 24 कैरेट सोना 16,500 रुपए तोला (प्रति 10 ग्राम) तक महंगा हो चुका है। जेवराती यानी 22 कैरेट सोना भी 20% महंगा हुआ है। अगले माह से शादी सीजन भी शुरू हो रहा है।

ऐसे में काफी लोग पुराना सोना बेचकर ऐसे गहने बनवा रहे हैं। जिनमें धातु कम लगे मगर डिजाइन में वजनी दिखें। एंटीक डिजाइन पसंदीदा हैं। ज्वैलर्स राजेश सोनी का कहना है कि भाव हर दिन चढ़ रहे हैं। पुराने गहने री-मेकिंग कराने में भी ग्राहक यह जानकर परेशान हो जाते हैं कि सोने की मात्रा कम निकली है। सर्राफा बाजार में पुराने सोने पर 20 फीसदी तक टांका कटौती की जाती है। वहीं ग्राहक कह रहे हैं कि बाजार में उनके गहनों में 40 फीसदी तक खोट बताया जा रहा है। अगर पहले ही हॉल मार्क वाला खरीदते तो घाटा न होता।

हॉलमार्किंग क्या है

हॉलमार्किंग एक तरह का सरकारी सर्टिफिकेट है, जो ये गारंटी देता है कि आपकी चांदी या सोने की ज्वेलरी कितनी शुद्ध है। जैसे, सोने में 22 कैरेट या 18 कैरेट का हॉलमार्क होता है। सरकार ने एक सितंबर 2025 से चांदी पर हॉल मार्किंग देना शुरू किया है। जो बताता है कि चांदी की शुद्धता कितनी है। इसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) चेक करता है, ताकि आपको नकली या मिलावटी माल न मिले। इसका क्या फायदा है: हॉलमार्किंग से पता चलेगा चांदी-सोना कितना खरा है।

अक्सर लोग कुछ टैक्स बचाने के चक्कर में बिना बिल जेवरात खरीदते हैं। इनमें मिलावट की पूरी गुंजाइश रहती है। हॉल मार्क से मन में ये डर नहीं रहेगा कि कहीं ठगा तो नहीं जा रहा। आप ज्वेलरी बेचना चाहें, तो हॉलमार्क ज्वेलरी को भरोसा मिलता है, जिससे अच्छी कीमत मिल सकती है। हॉलमार्किंग कैसे काम करती है। हॉलमार्किंग में ज्वेलरी पर एक निशान व यूनीक कोड (HUID) होता है, जो हर ज्वेलरी के लिए अलग होता है। ये कोड बताता है कि ज्वेलरी BIS के स्टैंडर्ड्स के हिसाब से चेक की गई है। चांदी के लिए 6 ग्रेड होंगे, जैसे 800, 835, 900, 925,970 और 990 जो शुद्धता का लेवल दिखाते हैं।

क्या पुरानी ज्वेलरी की हॉल मार्किंग करा सकते हैं

आप पुरानी ज्वेलरी को रजिस्टर्ड ज्वैलर के मार्फत BIS सेंटर्स पर चेक करवाकर हॉलमार्क करवा सकते हैं। पुराने अलवर जिले के लिए 2 हॉल मार्किंग सेंटर अलवर शहर में हैं। इनकी सूची BIS वेबसाइट पर है। नए जेवर खरीदते वक्त हॉलमार्क जरूर चेक करें। यदि दुकानदार कहे कि हॉलमार्क वाले जेवर नहीं है, तो उससे ज्वेलरी की शुद्धता का प्रूफ मांगें।