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टांकों के बजाय फेवीक्विक ही लगा दी, बच्चे के साथ बड़ा दुर्व्यवहार, टांके नहीं लगाए

 

RNE Network.

भारतीय समाज में डॉक्टर को भगवान के समान माना जाता है। क्योंकि वह दर्द से पीड़ित व्यक्ति को अपने ईलाज से बड़ी राहत प्रदान करता है। डॉक्टर व्यक्ति के रोग को दूर कर उसे स्वस्थ रखने का पुनीत कार्य करता है, इस कारण ही समाज में डॉक्टर का सर्वाधिक सम्मान होता है। उसके प्रति श्रद्धा होती है।
 

मगर जब यही डॉक्टर बड़ी लापरवाही करता है तो पूरे चिकित्सक समाज पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में, जो चिकित्सक के विभत्स व लापरवाही के रूप को सामने लेकर आया।
 

यहां ढाई साल के बच्चे की आंख के पास चोट लगने पर निजी अस्पताल के डॉक्टर ने टांके लगाने के बजाय घाव पर फेवीक्विक लगा दी। दर्द न रुकने पर परिजन बच्चे को दूसरे अस्पताल ले गए। जहां तीन घन्टे मेहनत कर गोंद हटाई गई और चार टांके लगे। परिजनों ने सीएमओ को शिकायत की है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच समिति गठित कर दी है।