पिलानी के 94 वर्षीय नागराज शर्मा को राजस्थानी साहित्य सेवा के लिए प्रयास संस्थान द्वारा दिया जाएगा इक्कावन हजार रुपये का वार्षिक पुरस्कार
RNE Network.
साहित्य, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों में संलग्न स्थानीय प्रयास संस्थान द्वारा वार्षिक साहित्य पुरस्कारों की शृंखला में राजस्थानी भाषा, साहित्य की सेवा क्षेत्र में समग्र योगदान के लिए दिए जाने वाला कन्हैयालाल रतनलाल पारख राजस्थानी साहित्य पुरस्कार वर्ष 2025 के लिए पिलानी निवासी राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार, संपादक नागराज शर्मा को दिया जाएगा।
प्रयास संस्थान के सचिव कमल शर्मा ने बताया कि सुंदरदेवी लक्ष्मीदेवी पारख ट्रस्ट, कोलकाता के मुख्य ट्रस्टी एवं चूरू मूल के उद्योगपति, ऑरबिट ग्रुप के संयोजक बसंत कुमार पारख के सौजन्य से प्रयास संस्थान प्रवर्तित पुरस्कार हेतु इस वर्ष राजस्थान साहित्य के वरिष्ठ हस्ताक्षर 94 वर्षीय नागराज शर्मा का चयन किया गया है। शर्मा को इसी माह चूरू में आयोजित समारोह में पुरस्कार राशि इक्कावन हजार रुपये, शॉल, श्रीफल, मानपत्र अर्पित कर सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि संस्थान द्वारा इस पुरस्कार से पूर्व में राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार तेजसिंह जोधा नागौर, डॉ. चंद्रप्रकाश देवल अजमेर, डॉ. देव कोठारी उदयपुर, मोहन आलोक श्रीगंगानगर एवं प्रो. जहूर खां मेहर जोधपुर को सम्मानित किया जा चुका है।
राजस्थानी के सशक्त हस्ताक्षर हैं नागराज शर्मा :
19 मार्च 1932 को पिलानी (झुंझुनू) में जन्मे नागराज शर्मा राजस्थानी भाषा के सशक्त हस्ताक्षर हैं। बी. कॉम., एम. ए., बी. एड., विशारद नागराज शर्मा भले ही सेवानिवृत्ति तक पिलानी के बिड़ला हाईस्कूल में अंग्रेजी में अर्थशास्त्र पढ़ाया हो, पर वे सदैव राजस्थानी बोलते-लिखते हुए जीवन में अर्थ संचय के शास्त्र से दूर रहे। तभी तो उन्होंने लेखन जैसे घर-फूंक क्षेत्र को चुना ही चुना अपितु सालाना 'बिणजारो' जैसी स्तरीय पत्रिका का भी प्रकाशन-संपादन प्रारंभ किया। बिणजारो पत्रिका आज 45वें वर्ष में भी निरंतर रहते हुए राजस्थानी भाषा की उल्लेखनीय सेवा कर रही है।
नागराज शर्मा हास्य-व्यंग्य के शिखर तो हैं ही हैं, उन्होंने कविता एवं नाटक क्षेत्र में भी काफी लिखा है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में- थांरो के ल्यां हां, बिरखा बीनणी (कविता), इब तो चेतो, राम मिलाई जोड़ी, इब तो मुळको (नाटक), राजस्थानी सफळिया (हास्य), धापली रो लोकतंत्र, एक अदद सुदामा (व्यंग्य) आदि चर्चित पुस्तकें हैं।
.....