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Defense Corrido : राजस्थान में सेना बनाएगी डिफेंस कॉरिडोर, प्रॉपर्टी रेट छुएंगे आसमान

राजस्थान के अलावा इससे पहले देश में दो जगह पर डिफेंस कॉरिडोर
 

राजस्थान के लोगो के लिए खुशखबरी है। भारतीय सेना द्वारा राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। डिफेंस कॉरिडोर बनाने के लिए सेना द्वारा राजस्थान सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जहां पर राजस्थान सरकार द्वारा मंजूरी मिलते ही सैंकड़ों एकड़ में डिफेंस कॉरिडोर बनाया जाएगा।

जहां पर सेना द्वारा डिफेंस कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और इसके बाद राजस्थान में प्रापर्टी के रेट बढ़ जाएंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। डिफेंस कॉरिडोर बनते ही उसके आसपास के क्षेत्र में स्व रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और रेत के टीलों के ऊपर विकास के नए द्वार खुलने वाले है। यह कॉरिडोर बनता है तो थल, वायु और अन्य सैन्य बलों को जहां पर सुविधाएं बढ़ेगी, वहीं स्थानीय लोगों के लिए अनेक अवसर खुलने वाले हैं। 

देश का यह तीसरा डिफेंस कॉरिडोर होगा

देश के सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे है। देश में इससे पहले दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए गए है। यह डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडू में मौजूद है। इसलिए राजस्थान में तीसरा डिफेंस कॉरिडोर बनने वाला है। हाल में ही पाकिस्तान के तनाव के बाद सेना ने राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है।

डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उपकरणों का निर्माण होगा जबकि राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से लगती है। इसके कारण उपकरणों को लाने में समय लगता है और खर्च भी ज्यादा आता है। सेना का मानना है कि पाकिस्तान से सटी 1078 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा को ध्यान में रखते हुए यहां हथियारों की मरम्मत और निर्माण की सुविधाएं आवश्यक हैं।

इसके अतिरिक्त, सेना ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए बंकरनुमा बेसमेंट वाले घरों के निर्माण हेतु अनुदान देने का आग्रह भी राज्य सरकार से किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन हमलों जैसी घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध की आशंका में सीमावर्ती आबादी भी खतरे में रहती है।

क्या होता है डिफेंस कॉरिडोर ?

देश में फिलहाल उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में केवल ही कॉरिडोर हैं। डिफेंस कॉरिडोर एक ऐसा विशेष क्षेत्र होता है जहां सैन्य उपकरणों और हथियार बनाए जाते हैं। रक्षा पर रिसर्च भी होती है। डिफेंस कॉरिडोर का उद्देश्य रक्षा सेक्टर में घरेलू हथियार और सैन्य उपकरणों को बढ़ावा देना है।  इसके अलावा उपकरणों को मरम्मत करने का काम किया जाता है।