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हिंदी, राजस्थानी व उर्दू में समान रूप से लेखन, सबसे कम उम्र में लघु कथाकार के रूप में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित

कमजोर हुई साक्षात्कार विधा पर ठोस काम से देश में चर्चित
विरासत में मिली अदबी तहजीब का करीने से पालन
साहित्य का दमदार पाठक, अदब का पूरा शउर भी
 

अभिषेक पुरोहित

RNE Specal.
 

( रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस RNE ने अपने पाठकों से वादा किया था कि वो उन सभी रचनाकारों, कलाकारों व पत्रकारों से अपने पाठकों को परिचित करायेगा, जिनका बीकानेर के साहित्य, कला और संस्कृति में उल्लेखनीय योगदान है। जो गम्भीर रचनाकर्म करते हों और उनका उल्लेखनीय योगदान हो, उनके कर्म को हम पाठकों तक पहुंचाएंगे। हमारा पैमाना गम्भीर रचनाकार होना ही रहेगा। इनका परिचय हम जन्मदिन, जयंती व याद दिवस पर पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे।  आज युवा रचनाकर अरमान नदीम का जन्मदिन है, उनको रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस की तरफ से हार्दिक बधाई। -- संपादक )
अदब की दुनिया में कोई भी रचनाकार बड़ा उम्र के कारण नहीं माना जाता, उसके छोटे या बड़े होने का मूल्यांकन उसके साहित्यकर्म से होता है। अदब में राजनीति की तरह परिवारवाद नहीं चलता, यहां को खुद को प्रमाणित ही करना पड़ता है। विरासत अदब की मिले तो उसे सहेज कर खुद को परिमार्जित बहुत कम रचनाकार कर पाते है। मगर ये भी ध्रुव सत्य है कि जो विरासत को अंगीकार कर परिमार्जन कर ले, वे अपनी अलग ही पहचान बनाते है। इसी भावभूमि पर खड़ा हम पाते हैं युवा रचनाकार अरमान नदीम को। 

 

अरमान को शब्द व अदब के संस्कार विरासत में मिले है, मगर उसने केवल विरासत की जुगाली नहीं की है अपितु अपने को अपने लेखन से प्रूव भी किया है। इस कारण ही कहा जाना चाहिए कि छोटी उम्र में अदब की दुनिया में अरमान नदीम ने लंबे डग भरे है।

तीन भाषाओं में लेखन:
 

अरमान को साहित्य जगत की बड़ी उपलब्धि इस कारण से भी कहा जाता है, क्योंकि इस युवा ने समान रूप से हिंदी, राजस्थानी व उर्दू में लेखन का काम किया है। तीन भाषाओं की अदबी समझ, वो भी इस उम्र में, बड़ी बात ही है। ये तभी सम्भव है जब विरासत को संभालकर आगे डग भरने का जज्बा हो। पिता नदीम अहमद नदीम की विरासत को केवल पकड़ा नहीं है नदीम ने, उसे आगे ले जाने का साहस भी दिखाया है। इस कारण यह युवा खास है।

छोटी उम्र में कथाकार का पुरस्कार:
 

अरमान नदीम के पास छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने का भी रिकॉर्ड है। अरमान को राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर ने छोटी उम्र में राज्य स्तरीय लघु कथा का पुरस्कार दिया। संभवतः वो सबसे कम उम्र का लघु कथाकार है जिसे राज्य स्तरीय सम्मान मिला। अरमान को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का भी युवा पुरस्कार रचनाकर्म के लिए मिला। ये बड़ी उपलब्धि ही मानी जायेगी।
 

छोटी उम्र में ही लघु कथा संग्रह:


अरमान का छोटी उम्र में ही लघु कथा संग्रह ' सुकून ' प्रकाशित हुआ, जिसका सर्वत्र स्वागत हुआ। इस संग्रह पर टिप्पणी करते हुए आलोचक नगेन्द्र नारायण किराड़ू कहते है कि इस संग्रह की कथाएँ पूरी तरह से परिपक्वता लिए हुए है। कथ्य व शिल्प के स्तर पर उनमें ताजगी है। कथानक गहरे तक उतरने वाले है और जीवन के दर्शन से जुड़े हुए है।
 

साहित्य का दमदार पाठक:
 

डॉ अर्जुन देव चारण कहते है कि जो जितना अधिक पढ़ता है, उसकी दृष्टि उतनी ही साफ होती है और वो ही बेहतर लिखता भी है। डॉ चारण की इस बात पर अरमान पूरी तरह से खरे उतरते है। आंख खुली तो घर में साहित्य की पुस्तकें दिखी। समझ पकड़ी तो पिता नदीम अहमद नदीम  ने स्कूली पढ़ाई के साथ साहित्य की पुस्तकें दिखा दी। तबसे ही इस युवा को लिखने से अधिक पढ़ने का शौक है। ये ही इसकी गहरी अदबी समझ की वजह भी है। अदब का पूरा शउर भी है इस युवा रचनाकार को। अपने से अग्रज साहित्यकारों को सम्मान देना और बेवजह की साहित्यिक राजनीति से दूर करना ये साबित करता है कि अरमान को अदब की दुनिया की पूरी तहजीब भी पता है।

साक्षात्कार विधा को जिंदा किया:
 

इन दिनों अरमान नदीम दैनिक युगपक्ष में हर सप्ताह देश की किसी बड़ी साहित्यिक हस्ती का साक्षात्कार प्रकाशित करता है। इस कर्म से पूरा साहित्यिक जगत अचंभित है। इस पर टिप्पणी करते हुए साहित्यकार मधु आचार्य ' आशावादी ' कहते है कि साहित्य में साक्षात्कार विधा का एक गोयरवमयी इतिहास रहा है मगर दो दशक से यह विद्या कमजोर व खत्म सी हो गई। उस विधा को जिंदा करने का काम अरमान नदीम ने किया है। इस दृष्टि से इस युवा रचनाकार ने ऐतिहासिक कार्य किया है।
 

इस कड़ीं मे अरमान अब तक विनोद जोशी, गौरहरी दास, किरण कुमार सिंह, रवैल सिंह, जितेंद्र श्रीवास्तव, संजुक्ता दास गुप्ता, वनिता मनचंदा, वंदना यादव, रमेश सैनी, प्रेम जनमेजय, चितरंजन मिश्रा, राजू काटकर, दर्शन दर्शी आदि के साक्षात्कार प्रकाशित कर चुका है। इन रचनाकारों के रचनाकर्म की जितनी उम्र है, उससे कम अरमान की उम्र है। इस कारण ये बड़ा काम है।
अरमान नदीम को जन्मदिन पर रुद्रा न्यूज एक्सप्रेस की तरफ से हार्दिक बधाई।