आइएएस-आइपीएस नहीं बन पाए तो निजी क्षेत्र में सरकार देगी रोजगार
भारत की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के अंतिम चरण में अगर अथक परिश्रम के बावजूद मायूसी हाथ लगती है तो ऐसे अभ्यर्थियों को अब ज्यादा निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयोग ने 'प्रतिभा सेतु' नामक एक महत्वपूर्ण रणनीतिक योजना शुरू की है।
इससे वे अभ्यर्थी जो आइएएस-आइपीएस नहीं बन पाए, अब निजी और सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पा सकेंगे। इसके तहत सरकारी और निजी कंपनियों को ऐसे अभ्यर्थियों की जानकारी दी जाएगी, जिन्होंने यूपीएससी की सभी परीक्षाएं पास तो की हैं, मगर आखिरी मेरिट लिस्ट में नहीं आ पाए।
अधिकारियों ने गुरुवार को इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना केंद्र सरकार और निजी क्षेत्रों सहित सत्यापित नियोक्ताओं को सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की शीर्ष प्रतिभाओं से जुड़ने की अनुमति देती है।
यूपीएससी की 'प्रतिभा सेतु' योजना, जिसे पहले पब्लिक डिसक्लोजर स्कीम (पीडीएस) के रूप में जाना जाता था, उन गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों के विवरण तक पहुंच प्रदान करती है, जिन्होंने इसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं के सभी चरणों को तो पास कर लिया, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में जगह नहीं बना पाए।
गौरतलब है कि पब्लिक डिसक्लोजर स्कीम 20 अगस्त, 2018 से लागू है। आयोग ने पहली बार इस योजना का उपयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा, 2017 के लिए अभ्यर्थियों की सूची को सार्वजनिक करने के लिए किया था। हालांकि, अब पीडीएस का नाम बदलकर यूपीएससी 'प्रतिभा सेतु' कर दिया गया है।
यूपीएससी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा, भारतीय वन सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, इंजीनियरिंग सेवा, संयुक्त भू-वैज्ञानिक, संयुक्त रक्षा सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा और संयुक्त चिकित्सा सेवा के गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों को इस योजना में शामिल किया गया है।
आयोग ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि यह नियोक्ताओं को गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों का चयन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो अनुशंसित अभ्यर्थियों के समान ही मेधावी होते हैं। साथ ही, यह यूपीएससी अभ्यर्थियों को परीक्षा से परे अपनी आभा बिखेरने का 'दूसरा प्रवेश द्वार' प्रदान करता है।
इससे पहले, चयनित परीक्षाओं के गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों की सूची - वे अभ्यर्थी जो लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, लेकिन साक्षात्कार के बाद अनुशंसित नहीं होते हैं - अपनी वेबसाइट पर पब्लिक डिसक्लोजर स्कीम के तहत जारी की गई थी। अब, आयोग गैर-अनुशंसित अभ्यर्थियों के स्वैच्छिक चयन/भर्ती के लिए संगठन को लाग-इन आइडी प्रदान करता है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र भी आयोग के पोर्टल का उपयोग करके स्वयं ही पंजीकरण कर सकते हैं।
इस योजना के तहत अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता और संपर्क विवरण सहित उनका बायोडाटा भी उपलब्ध कराया जाएगा। यूपीएससी के अनुसार, इस संसाधन में 10,000 से अधिक इच्छुक अभ्यर्थियों का डाटा बैंक है, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों को पास कर लिया, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में जगह नहीं बना पाए। आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं के लिए लाखों छात्र आवेदन करते हैं।