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मणिपुर में शांति के प्रयास और समाज में सद्भाव पर जोर, भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं, भाषा विवाद पर कहा

 

RNE Network.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष के दौरान देश में एक लाख से अधिक स्थानों पर हिन्दू सम्मेलन का आयोजन करेगा। इसके साथ ही सद्भाव व समरसता बैठकें भी की जायेगी।
 

नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक बैठक के बाद संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने बताया कि बैठक में शताब्दी वर्ष की योजना को लेकर चर्चा हुई। शताब्दी वर्ष के दौरान सभी वर्गों की सहभागिता से ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल व शहरी क्षेत्रों में बस्ती स्तर पर हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा। 
 

इनमें समाज के उत्सवों, सामाजिक एकता व सद्भाव और पंच परिवर्तन के विषयों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही सामाजिक सद्भाव बैठकें और नागरिक गोष्ठियां भी होगी। गृह संपर्क अभियान के तहत हर गांव, हर बस्ती के अधिकतम घरों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। शताब्दी वर्ष के सारे कार्यक्रमों का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का है। 
 

सुनील आंबेकर ने महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं है। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा स्थानीय भाषा मे लेने की बात कही। धर्मांतरण पर राज्यों से सख्ती बरतने की भी अपील की। 
 

मणिपुर में किये शांति के प्रयास:
 

आंबेकर ने कहा कि बैठक में मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा हुई। मणिपुर सहित अन्य सीमावर्ती प्रान्तों से आये स्वयंसेवको ने वहां की स्थिति व अनुभवों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवकों के प्रयास से सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे है, पहले से शांति है। स्वयंसेवक दोनों पक्षो से बात कर रहे है।