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मुस्लिम दंपत्ति मौखिक सहमति से तोड़ सकते हैं शादी,  गुजरात हाईकोर्ट ने इस तरह का एक फैसला दिया

 

RNE Network.

मुस्लिम दंपत्ति मौखिक रजामंदी से शादी को तोड़ सकते है, इस आशय का एक निर्णय गुजरात की कोर्ट ने दिया है। एक निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने इस आशय का निर्णय अपने यहां हुई अपील की सुनवाई के बाद दिया है। 
 

गुजरात हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए कहा है कि मुस्लिम दंपत्ति मौखिक सहमति से अपनी शादी को खत्म कर सकते है। इसके लिए किसी लिखित समझौते की जरूरत नहीं है। इसको इस्लामिक कानून में ' मुबारात ' कहा जाता है। गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट फैमिली कोर्ट के फैसले को पलट दिया।