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Marriage act : शादी को लेकर हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला, धोखा देने वाले को होगी दस साल की कैद 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी डीसी को पत्र लिखकर दिए आदेश
 

हरियाणा की नायब सैनी ने शादी को लेकर बड़ा अहम फैसला लिया है। शादी को लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से स्पेशल अधिनियम बनाया है। इस अधिनियम के तहत शादी करते समय धोखा देने वाले व्यक्ति को दस साल की कैद व कम से कम तीन लाख रुपये व अधिकतम पांच लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।  इसके अलावा उस शादी को मान्य भी नहीं किया जाएगा।  

हालांकि यह अधिनियम पुरुष व महिला दोनों पर सामान रूप से लागू होगा। हरियाणा सरकार ने इस फैसले को लागू कर दिया। हालांकि यह अधिनियम हरियाणा सरकार ने तीन साल पहले बनाया था, लेकिन अब सरकार ने इसको लागू करना शुरू कर दिया है। सरकार ने यह अधिनियम धर्म छुपाकर शादी करने वाले लोगों के लिए किया गया है।

पुलिस के पास काफी केस ऐसे आ रहे थे जहां पर सामने आ रहा था कि शादी से पहले युवक ने अपने धर्म को छुपाया है और शादी करने के बाद उसको पता चला है। ऐसा धोखा करने वाले लोगों को सरकार ने यह अधिनियम बनाया है।

ऐसा मामला सामने आते ही उस शादी को अमान्य किया जाएगा और धर्म छुपाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सरकार ने इसमें स्पष्ट किया है कि अगर इस दौरान कोई संतान हो जाती है तो उसको वैध माना जाएगा और वह संतान आरोपी की संपत्ति में पूरा अधिकार होगा। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी डीसी को पत्र लिखकर दिए  आदेश 

हरियाणा सरकार की गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने तीन साल पहले बनाए गए हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम एवं नियम 2022 को लागू करने के लिए पत्र जारी किया है। एसीएस की तरफ इस कानून को लागू करने के लिए सभी डीसी को पत्र लिख दिया है और इस अधिनियम को कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए है।

हरियाणा सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि यह अधिनियम धार्मिक स्वतंत्रता को रोकना नहीं, बल्कि धोखा देकर व जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों के खिलाफ कारर्रवाई के लिए बनाया गया है। हरियााा सरकार द्वारा बनाए गए इस नए कानून सभी डीसी व एसपी को कड़ाई से पालन करना होगा। धोखे, लालच, बल या अनुचित प्रभाव से कोई भी व्यक्ति धर्म को नहीं बदलवा सकता। 

अब धर्म बदलने के लिए डीसी को सूचित करना अनिवार्य 

एसीएस सुमित मिश्रा ने कहा कि यह अधिनियम सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा प्रदान, विवाह में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है तो इसके बारे में संबंधित जिले के डीसी को अवगत करवाना होगा। इसके अलावा धर्म परिवर्तन करवाने के लिए अनुष्ठान करवाने वाले व्यक्ति की जानकारी भी देनी होगी। धर्म परिवर्तन करने के लिए घोषणा पत्र देना होगा और 30 दिन तक आपत्ति दर्ज की जा सकती हैं।