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ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय भारत में खोलेंगे अपने परिसर, रक्षा और शिक्षा में सहयोग बढ़ाने पर जोर

 

RNE Network.
 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने विज़न-2035 के अनुरूप भारत-ब्रिटेन व्‍यापक रणनीतिक साझेदारी के विभिन्‍न पहलुओं पर चर्चा की। विज़न-2035 व्‍यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और ऊर्जा, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क जैसे कार्यक्रमों को लागू करने का केन्द्रित और दस वर्ष की समयबद्ध रूपरेखा प्रस्‍तुत करता है।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में, भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार बन रही है। उन्होंने बताया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता, और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचारों को साझा किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और यूके के बीच प्रद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की आपाप संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि critical minerals पर सहयोग के लिए एक इंडस्ट्री गिल्ड और सप्लाइ चेन Observatory की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर खोले जाने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का भी जिक्र किया और कहा कि  दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ा जा रहा है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत की विकास गाथा को उल्लेखनीय बताया। उन्होंने पीएम मोदी के विजन की सराहना करते हुए भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में योगदान का भी जिक्र किया।