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जिला व राज्य स्तर पर परीक्षण एजेंसी भी नहीं बनी, सरकार का अधूरा वादा
 

 

RNE Network.

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद व पेपरलीक जैसे मामलों में रोक के लिए परीक्षण एजेंसियां बनाई जाएंगी।
 

लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जीरो पेपरलीक का एक विशेष बिंदु रेखांकित किया था। इसके तहत दो वादे किए गए थे। पहला पेपरलीक मामलों की त्वरित जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाई के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया जायेगा। 
 

दूसरा परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तर्ज पर राज्य परीक्षण एजेंसी और हर जिले में जिले में जिला परीक्षण एजेंसी बनाने का था। इसमें से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के गठन का वादा तो सत्ता में आते ही पूरा कर दिया गया, लेकिन परीक्षण एजेंसी पर कोई निर्णय नहीं हुआ।