गुरु पूर्णिमा पर प्रदेश के 505 संतों का सम्मान करेगी सरकार, देवस्थान विभाग पहली बार कर रहा है इस तरह का अनूठा आयोजन
RNE Network.
गुरु गोविंद दोऊ खड़े
काके लागू पांव
बलिहारी गुरु आपकी
गोविंद दियो बताय
भरतीय परंपरा में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। गुरु ही तो गोविंद यानी भगवान की पहचान कराता है। भारतीय समाज मे हर क्षेत्र में गुरु - शिष्य की परंपरा है। उसी परंपरा को जीवित रखने के लिए राज्य सरकार ने इस बार गुरु पूर्णिमा पर 505 संतों के सम्मान का निर्णय किया है।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 10 जुलाई को सरकार संतों के द्वार पहुंचेगी। प्रदेश भर में 505 संतों का सम्मान किया जायेगा। देवस्थान विभाग ने इसके लिए 20 लाख से ज्यादा का बजट तय किया है। वहीं प्रदेश भर में संतो की सूची तैयार की गई है।
सभी जिलों में राज्य सरकार की ओर से जन प्रतिनिधि और अधिकारी संतों का सम्मान करने पहुंचेंगे। संतों के सम्मान की सूची में प्रत्येक जिले का प्रतिनिधित्व ध्यान में रखा गया है। देवस्थान विभाग के अधीन राजस्थान से बाहर मथुरा के कुछ धर्म स्थल भी है। लिहाजा मथुरा के भी 8 संतो के नाम सूची में जोड़े गए है।
सम्मान के तौर पर संतों को दक्षिणा राशि के साथ फल - प्रसाद आदि भेंट किये जायेंगे। प्रत्येक संत पर 4 हजार रुपये राशि खर्च करना तय किया गया है।