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E-Highway Corridor : दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर के बीच में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा ई-हाईवे कॉरिडोर

केंद्र सरकार ने प्रदूषण रहित दुनिया का सबसे बड़ा ई-हाईवे कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। यह ई-हाईवे कॉरिडोर देश की राजधानी दिल्ली से शुरू होकर गुरुग्राम होते हुए राजस्थान की राजधानी जयपुर तक बनाया जाएगा।
 

केंद्र सरकार ने प्रदूषण रहित दुनिया का सबसे बड़ा ई-हाईवे कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। यह ई-हाईवे कॉरिडोर देश की राजधानी दिल्ली से शुरू होकर गुरुग्राम होते हुए राजस्थान की राजधानी जयपुर तक बनाया जाएगा। ई-हाईवे कॉरिडोर कॉरिडोर पर इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्रांति का नया अंजाम देंगे। यह कॉरिडोर देश का पहला समर्पित नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल (NHEV) होगा।

जहां पर ई-हाईवे कॉरिडोर पर वाहन बिना प्रदूषण के फर्राटा भरते हुए नजर आएंगे और इस ई-हाईवे कॉरिडोर पर ही वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मिलेगी। ईवी मालिकों को रास्ते में बैटरी खत्म होने या चार्जिंग स्टेशन न मिलने की चिंता नहीं सताएगी। ई-हाईवे कॉरिडोरने शुरुआती चरण में 5000 किलोमीटर के हाईवे को इलेक्ट्रिक व्हीकल हाईवे में बदलने की व्यापक योजना बनाई है।

ई-हाईवे कॉरिडोर पर हर दस किलोमीटर पर होगी 3G एनर्जी स्टेशन

दिल्ली-जयपुर ई-हाईवे कॉरिडोर परियोजना को प्लान तैयार किया जा चुका है। जहां पर 3G (ग्रीन, गिगान्टिक, जेनरेशन नेक्स्ट) एनर्जी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। यह चार्जिंग हब ई हाईवे पर हर दस किलोमीटर पर बनाया जाएगा। जहां पर ई वाहन चालक बिना किसी रुकावट के लंबी दूरी तय कर सकेंगे। 

ग्रिड-फ्री, प्रदूषण मुक्त समाधान

ई-हाईवे कॉरिडोर पर स्टेशनों को सौर पैनल (Solar), पवन टरबाइन (Wind Turbine) और हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके साइट पर ही बिजली पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह भारत का पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा जो थर्मल पावर (कोयला बिजली) को पूरी तरह से बायपास करेगा। अनुमान है कि एक स्टेशन सालाना 8,000 टन CO2 उत्सर्जन को बचा सकता है। इससे हाईवे पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन सही मायने में 'जीरो एमिशन' वाहन बन जाएंगे। यह पहल भारतीय परिवहन क्षेत्र को हरित भविष्य की ओर ले जाने का एक निर्णायक कदम है।ई-हाईवे कॉरिडोर

ई-हाईवे कॉरिडोर को दिल्ली-आगरा हाईवे से भी जोड़ा जाएगा

वर्तमान में जर्मनी के बर्लिन में लगभग 109 किमी लंबा ई-हाईवे है। हालांकि, दिल्ली के इंडिया गेट से लेकर जयपुर के अलबर्ट पिंटो हॉल तक घोषित किया गया यह कॉरिडोर करीब 280 किलोमीटर लंबा है। पूरी तरह तैयार होने के बाद यह विश्व का सबसे लंबा ई-हाईवे बन जाएगा। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि होगी। पहले चरण की सफलता के बाद, इस कॉरिडोर को दिल्ली-आगरा हाईवे से जोड़कर 500 किलोमीटर लंबा करने की भी योजना है, जो इसकी उपयोगिता और लंबाई को और बढ़ा देगा।