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श्रीडूंगरगढ़ में शिक्षक संघ राष्ट्रीय का अधिवेशन: शिक्षकों को 'राष्ट्र-निर्माण' के गुरुतर दायित्व की याद दिलाई गई

 

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शिक्षक का कार्य केवल पाठ्य पुस्तक तक सीमित ना हो कर समाज के निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक समाज का शिल्पी है जिसका कार्य बालकों को संस्कारित एवं राष्ट्र के लिए समर्पित बालकों का निर्माण करने का गुरूतर दायित्व निभाना है। यह बात मुख्य अतिथि ताराचंद सारस्वत ने शुक्रवार को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ तहसील में आयोजित अधिवेशन में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही।
प्रथम सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक विनायक कुमार ने कहा कि शिक्षकों के माध्यम से आज जैसे विचारों से संपोषित बालक की पौध होगी वैसा ही फलदार वृक्ष समाज भविष्य में प्राप्त करेगा। शिक्षक के द्वारा बालक के कोमल मन मे रोपित संस्कार और विचार भविष्य में कई गुणित हो कर समाज के सम्मुख आते है,इसलिए समय समय पर महा पुरूषों के स्मरण से उनके अंदर निहित गुणों का आत्मसात करने की प्रेरणा मिलती है। इस प्रकार व्यतित्व निर्माण से समाज और राष्ट्र निर्माण है। विनायक कुमार ने कहा कि कुटुम्ब प्रबोधन,नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी और सामाजिक समरसता विषयों पर विचार रखते हुए सकारात्मक सोच के साथ पहल करते हुए कार्य करने का आव्हान शिक्षकों से किया।
अध्यक्षता करते हुए भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि शिक्षक ही बालकों को गढ़ने का कार्य करता है इसलिए शिक्षक का सम्मान होता है। 
आचार्य ने कहा कि शिक्षण कार्य को अपनाना ही अपने आप में सम्मान की बात है क्योकि राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देकर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शिक्षक अपने पुरुषार्थ से सामान्य को बेहतर और बेहतर को बेहतरिन बनाने का सामर्थ्य रखते हैं।
मुख्य वक्ता पूर्व विधायक बिहारीलाल विश्नोई ने कहा कि संस्कारो का विकास शिक्षक ही कर सकता है इसलिए शिक्षक को शिक्षण कार्य में ही व्यस्त रखना चाहिए। उन्होने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल बालको का बौद्धिक विकास करना नही है अपितु उसका सर्वागीण विकास करना है।
शिक्षक को हमेशा अपने कर्तव्यो के साथ साथ बालक के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य कर अपनी प्रतिष्ठा को बनाना होगा। उन्होने शिक्षकों के अपने आचरण को अच्छा बनाये रखने का आव्हान करते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संगठन एवं समाज के आगे बढ़ने के साथ साथ शिक्षको की समस्याओ का समाधान हो सकेगा।
विशिष्ठ अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि सम्मेलनो के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में हुए चिन्तन मनन से आये प्रस्तावो पर संगठनो के साथ सरकारी स्तर पर संवाद होने से शिक्षा के स्तर का विकास हो सकेगा।
जिलाध्यक्ष मोहनलाल भादू ने टीम भावना के साथ आगे बढ़ते हुए कार्य करने का आव्हान करते हुए कहा कि प्रत्येक पदाधिकारी अपने आचरण के साथ साथ सक्रियता से शिक्षकों के बीच समय समय पर प्रवास के माध्यम से सम्पर्क करे तभी नये कार्यकर्ताओ का निर्माण हो सकेगा।
विशिष्ट अतिथि उपनिदेशक रमेश हर्ष ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की वर्तमान चुनौतियां सुधार सरकार सरकारी नीतियों के प्रभाव पर मंथन करना है शिक्षक संगठन दो दिनों में शिक्षक शिक्षार्थी एवं शिक्षा पर चिंतन मंथन करते हुए प्रस्ताव सरकार विभाग तक भेजें ताकि उनकी कल्याण में हेतु विभाग स्तर पर कार्रवाई हो सके। 
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा किशन दान चारण ने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से शिक्षक शिक्षा विभाग में नवाचारों के उत्थान के लिए नए आयामों के साथ कार्य करें तो निश्चित ही राष्ट्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होने के साथ दशा एवं दिशा में परिवर्तन होगा।
विशिष्ठ अतिथि संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने कहा कि शिक्षको की समस्याओ, शिक्षा व्यवस्था के महत्व को उजागर करने, शिक्षा व्यवस्था में सुधार में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण बने इसका आव्हान शिक्षकों से किया।
विशिष्ठ अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि सम्मेलनो के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में हुए चिन्तन मनन से आये प्रस्तावो पर संगठनो के साथ सरकारी स्तर पर संवाद होने से शिक्षा के स्तर का विकास हो सकेगा।
जिलामंत्री नरेन्द्र आचार्य ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सम्मेलन श्योजक पवन शर्मा ने आभार व्यक्त किया संचालन अनिल सोनी ने किया