70s Hit Hindi Songs : 70 के दशक में देवानंद फिल्म दर्शकों को लगी इतनी बुरी, 15 मिनट में खाली हो गए थियटर, गाना हर युवा की जुबां पर रहा
महज 15 मिनट में देव आनंद के चेहरे के भाव बदल गए, जब उन्हें एहसास हुआ कि उनकी फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई है और उनका सारा पैसा डूब गया है।
1974 में देव आनंद ने अपनी फिल्म 'इश्क इश्क इश्क' से जुड़ा एक ऐसा अनुभव जिया, जो उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सबक बन गया था। यह फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी आर्थिक असफलता थी लेकिन इसने देव आनंद के व्यक्तित्व की असली झलक दिखाई।
इस फिल्म के प्रीमियर पर उनके भतीजे, निर्देशक शेखर कपूर भी मौजूद थे। देव आनंद को उम्मीद थी कि फिल्म एक बड़ी हिट होगी और उन्होंने इसमें अपना सारा पैसा लगा दिया था। प्रीमियर के बाद जब वे होटल लौटे, तो फिल्म इंडस्ट्री से हर कोई उन्हें बधाई दे रहा था लेकिन 15 मिनट बाद ही हकीकत सामने आने लगी, जब उन्हें पता चला कि दर्शक फिल्म देखकर थिएटर से उठकर जा रहे थे।
महज 15 मिनट में देव आनंद के चेहरे के भाव बदल गए, जब उन्हें एहसास हुआ कि उनकी फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई है और उनका सारा पैसा डूब गया है।
हालांकि अगले ही पल, वह बाथरूम से वापस आए और शेखर से कहा 'चल, एक नई फिल्म बनाते हैं।
अभी आइडिया सोचा है मैंने।' 'इश्क इश्क इश्क' की असफलता के बाद, देव आनंद ने कुछ समय के लिए निर्देशन से दूरी बना ली। इस दौरान उन्होंने दो फिल्में, 'जान-ए-मन' और 'बुलेट' का निर्माण किया, जिनका निर्देशन उनके भाइयों ने किया था।