'मयंक' की रचनाओं में बुने हुए हैं ईमानदारी और करुणा के संदेश: साहित्य अकादेमी में हुआ परिसंवाद
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साहित्य अकादेमी द्वारा आज चंद्रपाल सिंह यादव ‘मयंक’ जन्मशती परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत करते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि मयंक जी सच्चे बाल साहित्यकार थे और उन्होंने बच्चों के लिए कुछ अनमोल गीत दिए हैं। अपने आरंभिक वक्तव्य में क्षमा शर्मा ने उनकी बाल कहानियों पर बोलते हुए कहा कि उनकी कहानियों में वर्तमान समय के सभी संदर्भ अपनी पूरी ईमानदारी से प्रस्तुत किए गए हैं। कहानियों से कहानियों द्वारा दिए जाने वाले संदेश आरोपित न होकर रचना में बुने हुए लगते हैं। शकुंतला कालरा ने अपने बीज भाषण में चंद्रपाल सिंह यादव ‘मयंक’ के समग्र साहित्य पर प्रकाश डालते हुए विशेष रूप से कविताओं की चर्चा की तथा कहा कि उन्होंने बच्चों को नैतिक रूप से श्रेष्ठ बनाने के लिए अपनी रचनाओं में दया, करुणा, ईमानदारी आदि सद्गुणों का संदेश दिया।