साहित्य अकादेमी में सांस्कृतिक आदान-प्रदान में पधारे रूस के लेखक
RNE Network.
सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत आज साहित्य अकादेमी में रूसी लेखकों के साथ भारतीय लेखकों की बातचीत का कार्यक्रम रखा गया। रूस से पधारे दिमित्री एलेक्ेंड्रोविच येमेट्स जो कि बच्चों के प्रसिद्ध फैंटेसी राइटर हैं, ने अपने लेखन के बारे में विस्तार से बताया और उपस्थित लेखकों के सवालों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने माने कवि, लेखक एवं अनुवादक उदयनारायण सिंह ने की। इस अवसर पर प्रख्यात पंजाबी लेखिका वनीता, सिंधी लेखक मोहन हिमथाणी और दिल्ली विश्वविद्यालय में रूसी भाषा की पूर्व प्रोफेसर रंजना भी उपस्थित थीं।
सर्वप्रथम सभी का अभिनंदन साहित्य अकादेमी के संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी एवं उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने पारंपरिक अंगवस्त्रम् एवं पुस्तकें भेंट करके किया। दिमित्री एलेक्ेंड्रोविच येमेट्स ने अपने वक्तव्य में कहा कि वे भारत की प्रकृति और परिवार के साथ बच्चों की उपस्थिति से बेहद प्रभावित हैं। उन्होंने भारत और रूस के उन समान परंपराओं का भी उल्लेख किया, जो दोनों देशों की मैत्री को अमूल्य बनाते हैं। आगे उन्होंने बताया कि वह जो लिख रहे हैं, वह रूसी लोक कथाओं से प्रेरित है और उन्होंने उसमें जादू और फैंटेसी के विभिन्न तथ्यों का रोचक इस्तेमाल किया है।
उन्होंने अपनी उस किताब के बारे में भी बताया, जो वहाँ बहुत लोकप्रिय है और हैरी पोर्टर की पैरोडी है। उन्होंने कहा कि उनका फोकस किशोर साहित्य है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रोनिक बुक्स, ऑडियो बुक्स और सोशल मीडिया के बड़ते प्रभाव और बच्चों के लिए लिखना मुश्किल हुआ है और पढ़ने में रोचकता बनाए रखने के लिए नए विषय और शैली की जरूरत पड़ती है। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उदयनारायण सिंह नचिकेता ने कहा कि हमारी उम्र के अधिकतर भारतीयों ने रूसी बाल साहित्य अपनी अपनी भाषाओं में अनुवाद के रूप में पढ़ा है। तब यह किताबंे बेहद सस्ती और सुंदर होती थी। उन्होंने यह जिज्ञासा भी प्रकट की, क्या बच्चों के लिए लेखन में विभिन्न भाषाओं की भी कोई सीमा होती है। भारतीय लेखकों ने उनसे यह भी जानना चाहा कि क्या वहाँ भी रामायण और महाभारत की तरह पौराणिक ग्रंथों की कोई परंपरा है। कार्यक्रम में रूस से पधारे ब्रोनेत्सकाया गैलिना एडुआर्डाेवना, एमेलिन एलेक्सी एलेक्जेंड्रोविच भी उपस्थित थे।
भारतीय लेखकों में सुकृता पॉल कुमार, रफीक मसूदी, गौरीशंकर रैणा, कैलाश नारायण तिवारी, सुमन कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव एन. सुरेश बाबु ने किया।