भजनलाल मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी, पुनर्गठन भी होगा, नॉन परफॉर्मर की जगह नयों को मिलेगा मौका
कई मंत्रियों के विभाग भी बदलेंगे
गुजरात व छत्तीसगढ़ फार्मूला अपनाने की संभावना
मधु आचार्य ' आशावादी '
RNE Special.
राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार व पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस काम के लिए केंद्रीय नेतृत्त्व से चर्चा भी हो चुकी है। 15 दिसम्बर को राज्य की भाजपा सरकार को 2 साल पूरे हो जायेंगे। माना यही जा रहा है कि दूसरी वर्षगांठ से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार व पुनर्गठन हो जायेगा।
अपनी कुछ दिन पहले के दिल्ली दौरे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बी एल संतोष सहित कई नेताओं से चर्चा भी कर चुके है। राज्य में सरकार का गठन हुआ तबसे 24 मंत्री है, 6 पद रिक्त चल रहे है। इनको भरने का काम इस बार पूरा होगा।
काउंटडाउन शुरू हो चुका:
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है और उसके आधार पर हटाने वाले मंत्री भी चिन्हित हो चुके है। विधायकों की परफॉर्मेंस के आधार पर नए बनने वाले मंत्रियों का खाका भी तैयार हो चुका है। कुछ मंत्रियों के विभागीय कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट भी बनी है। उस आधार पर कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जाने की प्रबल संभावना है। उसकी कसरत सीएम के स्तर पर पूरी हो चुकी है।
नयों को अवसर मिलेगा विस्तार में:
मंत्रिमंडल के विस्तार व पुनर्गठन में नए विधायकों को अवसर मिलने के आसार है। क्योंकि दो साल सरकार को पूरे हो गए है। इस कारण अब जातीय समीकरणों व राजनीतिक प्रभुत्त्व के आधार पर भी मंत्री बनाये जाएंगे।
यह मंत्रिमंडल विस्तार एक दृष्टि से पार्टी की लंबी और गहरी सोच को अभिव्यक्त करने वाला होगा। जैसे भाजपा ने अर्से बाद झुंझनु व नागौर की खींवसर सीट जीती है। वहां पार्टी अपने वर्चस्व को बनाये रखने की पूरी कोशिश करेगी। इस तरह कई निर्णय राजनीतिक दूरदर्शिता के आधार भी लिए जाने के आसार है।
गुटीय राजनीति को साधा जायेगा:
मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय नेतृत्त्व के निर्देशों के अनुसार राज्य की गुटीय राजनीति को भी साधने के प्रयास किये जायेंगे। विस्तार में वसुंधरा राजे गुट से कुछ प्रतिनिधित्त्व मंत्रिमंडल में होना तय है। ठीक इसी तरह अंता उप चुनाव हारने के बाद कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को भी साधा जायेगा। पार्टी सबको साथ लेकर चलने के फार्मूले के आधार पर मंत्रिमंडल का विस्तार व पुनर्गठन करने की तैयारी में है।
कईयों के विभाग बदलने तय है:
राज्य के कई मंत्रियों के विभागों में बदलाव के पूरे आसार है। क्योंकि अनेक सरकारी विभागों के काम से सीएम व पार्टी ज्यादा खुश नहीं है। मगर उन मंत्रियों को सरकार से अलग किया जाना संभव नहीं है। इस कारण उनके विभागों में सीएम भजनलाल शर्मा बदलाव कर सकते है। कुछ मंत्रियों के विभागों में तो बदलाव की गुंजाइश साफ नजर आ रही है।
गुजरात व छत्तीसगढ़ फार्मूला:
राजस्थान में भी गुजरात व छत्तीसगढ़ के अनुसार सभी मंत्रियों से एक बार इस्तीफ़े लेकर मंत्रिमंडल का विस्तार व पुनर्गठन होने की संभावना से भी राजनीतिक विश्लेषक इनकार नहीं कर रहे। सीएम व भाजपा का केंद्रीय नेतृत्त्व हर पांच साल बाद राज्य में सरकार बदलने की परंपरा को समाप्त करने के लक्ष्य से राजनीतिक निर्णय ले रहे है। इस कारण मंत्रिमंडल में कुछ चोंकाने वाले बदलाव भी दिख सकते है।