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Bikaner BJP Controvercy : BJP MLA Jethanand पहुंचे उससे पहले केन्द्रीय मंत्री Arjunram कर गए हॉस्पिटल का उद्घाटन

 

RNE BIKANER .

बीकानेर में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास के बीच मनमुटाव की खाई सोमवार को तब गहरी हो गई जब एक हॉस्पिटल का उद्घाटन हुआ। ये अधिकारियों की गलती हैं या जान-बूझकर किया गया काम यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन भाजपा विधायक जेठानन्द व्यास को उनकी ही पार्टी की सरकार में,  उनके ही विधानसभा क्षेत्र में, उनकी पार्टी के केन्द्रीय मंत्री की मौजूदगी में अपमानित महसूस जरूर करवाया।मामला यह है : दरअसल बीकानेर के मुक्ता प्रसाद नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सोमवार को उदघाटन हुआ। लगभग 06 करोड़ की लागत से बने इस हॉस्पिटल के उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानन्द व्यास बतौर अतिथि शामिल होने वाले थे। डिजिटल कार्ड में दोनों के नाम दिये गए। उद्घाटन स्थल पर लगे बैनर में मेघवाल और व्यास दोनों के फोटो बतौर अतिथि लगाए गए। सोमवार सुबह यहाँ केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल कई भाजपा नेताओं के साथ पहुंचे। अधिकारियों ने उनके हाथों से रिबन कटवाया। मेघवाल को मंच पर ले गए। भाषण हुआ। इन सबके बीच विधायक जेठानन्द व्यास को याद तक नहीं किया गया। दूसरी ओर जेठानन्द व्यास जब उद्घाटन स्थल पर पहुंचे तब तक पूरी प्रक्रिया हो जाने से वे नाराज हो गए और मौके से चले गए। बताया गया कि उन्हें सुबह 10 बजे उद्घाटन करने का वक्त दिया गया थी। वे इससे कुछ मिनट पहले ही पहुँच गए लेकिन कार्यक्रम उससे भी पहले सम्पन्न हो गया।अब पूरे शहर में इस बात की चर्चा है कि यह सब क्यों, और किसके इशारे पर हुआ। इस चर्चा की वजह यह है कि बीकानेर में एक संदेश साफ है कि यहां के भाजपा विधायकों की भी प्रशासन नहीं सुनता। हाल ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ जब बीकानेर आए तो उनके सामने भी यह शिकायत की गई। राठौड़ ने खुले मंच से अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी।  यहां यह भी सामने आया था कि पूरा प्रशासन एक नेता के इशारे पर चलता है। ऐसे में ताजा घटनाक्रम ने एक बार फिर इस आरोप या शिकायत को हवा दी है। गौरतलब है कि उद्घाटन के मंच पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से CMHO डॉक्टर पुखराज साध, जाइंट डाइरेक्टर डॉक्टर देवेंद्र चौधरी, मेडिकल कॉलेज के नवनियुक्त प्राचार्य डॉक्टर सुरेन्द्र वर्मा आदि अधिकारी मौजूद थे। एसी लगभग सभी नियुक्तियां राजनीतिक पसंद से ही होती है। ऐसे में इस घटना ने यह संकेत भी दिया है कि बीकानेर में ये नियुक्तियां किसके इशारे और पसंद से हो रही है।