निर्दलीय नरेश मीणा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है, भाजपा को बागी रामपाल के हटने से फायदा मिला है
अब वही आगे निकलेगा जो वोट डलवा लेगा
मधु आचार्य ' आशावादी '
RNE Special.
राज्य की अंता विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव के लिए वोट पड़ने में अब केवल 6 दिन शेष रह गए है। 11 नवम्बर को इस सीट पर मतदान होना है और 14 नवम्बर को परिणाम आना है। बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं के घर जाकर मतदान कराने का सिलसिला तो जारी हो चुका है।
भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय नरेश मीणा ने अब अपने सारे चुनावी घोड़े मैदान में उतार दिए है। जातिगत समीकरणों को जिंदा किया जा रहा है तथा मतदाताओं को हर तरीके से प्रभावित कर अपने पक्ष में लाने के पूरे प्रयास किये जा रहे है।
मीणा ने मुकाबला रोचक बनाया:
निर्दलीय नरेश मीणा ने इस उप चुनाव को रोचक बना दिया है। उनके साथ पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुडा भी लगे हुए है। मीणा समाज के यहां माना जा रहा है कि 40 हजार से अधिक वोट है। पिछले चुनाव में भी भाजपा से कंवरलाल मीणा ही चुनाव जीते थे। नरेश का फोकस इन मतदाताओं पर ही है। उनके इस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने सांसद हरीश मीणा व सांसद मुरारी लाल मीणा को उतारा हुआ है। नरेश को मिलने वाले मत फैसले को प्रभावित करेंगे।
भाजपा को बागी हटने से फायदा:
भाजपा से यहाँ के पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल ने शुरुआत में बागी बनकर नामांकन दाखिल किया था। पार्टी के मनाने पर वे राजी हो गए और नामांकन वापस ले लिया। उससे भाजपा को फायदा जरूर हुआ है। मगर एससी वोटर का झुकाव परंपरागत रूप से कांग्रेस की तरफ रहा है। इस कारण इसका कुछ फायदा कांग्रेस को भी मिलेगा।
भाया ने पूरी ताकत झोंकी:
कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने इस चुनाव में पूरी ताकत लगाई है। भाया और उनकी धर्मपत्नी को यहां समाज सेवा के कार्यों का भी पूरा फायदा मिल रहा है। इसके अलावा भाया ने विपुल संशाधन झोंक कर चुनावी मुकाबला रोचक बना दिया है। तभी तो कल राजे को चुनाव प्रचार के दौरान कहना पड़ा कि ये चुनाव धनबल व जनबल के बीच है।
जो वोट डलवायेगा, वह आगे रहेगा:
त्रिकोणीय मुकाबले के कारण अंता का चुनाव रोचक बना हुआ है। अब वही प्रत्याशी आगे निकलेगा जो वोटर को बूथ तक खींचकर लाने में सफल रहेगा। पूरे साधन झोंकने पर ही मतदाता को घर से निकाला जाना संभव है। रोचक चुनावी मुकाबले में अंतिम समय तक बाजी पलटने के आसार बने हुए है।