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RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कहा, भजनलाल ने मेरा कनेक्शन काटा है, मैं राजस्थान से उनका कनेक्शन कटवा दूंगा

 

RNE Bikaner. 
 

भाषण के अपने खास अंदाज के लिए युवाओं में लोकप्रिय RLP सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर ऐसी बात कही कि हजारों लोगों के होंठों पर हंसी तैर गई। बीकानेर में RLP के स्थापना दिवस की रैली में हनुमान बेनीवाल ने अपने अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा, भजनलाल दिनभर में 15 से 20 समोसे खा जाते हैं। जयपुर के एक प्रसिद्ध समोसे वाले के जिक्र करते हुए कहा, हर दो घंटे में वहाँ से समोसे आते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पार्टी कार्यालय के सामने वाली थड़ी पर समोसे खाते मिलेंगे। भाजपा भी जानती है कि इनके भरोसे पंचायत-निकाय चुनाव नहीं जीतेंगे। भजनलाल का राज पोपाबाई के राज के बराबर है।अपने घर का बिजली कनेक्शन काटने का जिक्र करते हुए हनुमान बोले, भजनलाल ने मेरा कनेक्शन काटा है मैं राजस्थान से उसका कनेक्शन काट दूंगा। 
 

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दरअसल RLP के सातवें स्थापना दिवस पर बीकानेर में प्रदेश स्तरीय रैली हुई। इस रैली में हनुमान बेनीवाल ने भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला। राजस्थान में बसों में आग सहित अन्य हादसों की ओर इशारा कर कहा, उनसे अग्निदेवता नाराज हैं। रोज प्रदेश में घटनाएं हो रही हैं। जाने किस मुहूर्त में इन्होंने सीएम पद की शपथ ली थी।
 

अब गहलोत से मिले हुए हैं:
 

बेनीवाल ने एक बार फिर कहा, पहले वसुंधरा और गहलोत मिले हुए थे। अब भजनलाल और गहलोत मिले हुए हैं। गहलोत जानते हैं कि भजनलाल रहेंगे तो अगली सरकार कांग्रेस कीबन जाएगी। अब जनता भाजपा-कांग्रेस की यह चाल नहीं चलने देगी। अबकी बार रालोपा की सरकार बनेगी। हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट-अशोक गहलोत प्रकरण का जिक्र किया। कहा, उस दौरान जिन पुलिस अधिकारियों ने हमारे फोन टेप किए थे,उनको अब तोहफे देकर बड़े पदों पर बिठाया गया है। गहलोत-भजनलाल की मिलीभगत का सबसे बड़ा सबूत यही है।

मैं जातिवादी नहीं : 

हनुमान बेनीवाल ने खुद पर लगने वाले जातिवादी आरोप को नकारा। कहा, हमने कभी जाति के हिसाब से आंदोलन नहीं किया। सूरज माली के लिए मैं लड़ा। नरेगा की मजदूर गुड्डी मेघवाल को प्रधान बनाया। इस सभा में भी बेनीवाल की छवि सिर्फ जाट नेता होने को बदलने का प्रयास किया। नारे लगे कि 36 कौम का नेता कैसा हो। गरीबों का नेता कैसा हो। अल्पसंख्यकों का नेता कैसा हो आदि-आदि। बेनीवाल ने कहा, मैं चाहता तो अब तक कई बार मंत्री बन जाता मगर किसानों के लिए एनडीए छोड़ा। कभी कोई लड़ाई सेमीफाइनल पर नहीं छोड़ता। जो भी आंदोलन किए उन्हें सिरे चढ़ाया। अग्निवीर के लिए 75 प्रतिशत तक अधिकार मिल गया। एक बार दिल्ली और कूच करूंगा सभी को नौकरी पूरी मिलेगी।