जनरंजन : भाजपा ने बागी को राजी कर कुछ परेशानी दूर की, नरेश मीणा अब भी दोनों दलों के लिए सिरदर्द
भाजपा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत के ही भरोसे
कांग्रेस में गहलोत, डोटासरा की प्रतिष्ठा दाव पर
मधु आचार्य ' आशावादी '
RNE Special.
राजस्थान में इस बार केवल एक विधानसभा सीट अंता पर उप चुनाव है। चुनाव में इस सीट को भाजपा के कंवरलाल मीणा ने जीता था। मगर बाद में एक न्यायिक निर्णय के बाद उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया। उस कारण से इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है।
कांग्रेस ने इस सीट पर चुनाव में हार चुके उम्मीदवार पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को उतारा है। भाजपा ने वसुंधरा गुट के मोरपाल सुमन को प्रत्याशी बनाया है। यहां कांग्रेस के बागी नरेश मीणा भी चुनाव मैदान में है। भाजपा के बागी पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल ने भी नामांकन दाखिल किया था मगर भाजपा ने उनको मनाकर डेमेज कंट्रोल कर लिया। उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। उससे भाजपा की मुश्किल थोड़ी कम हुई है।
आज होगी तस्वीर साफ:
अंता उप चुनाव में नामांकन वापसी का आज अंतिम दिन है। आज इस विधानसभा सीट पर तस्वीर साफ होगी। अब तक 20 उम्मीदवार मैदान में है। आज कितने लोग नामांकन वापस लेते है, उससे तस्वीर साफ होगी।
नरेश मीणा दोनों के लिए सिरदर्द:
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा ने भाजपा व कांग्रेस, दोनों की परेशानी बढ़ा रखी है। पिछले चुनाव में भाजपा के कंवरलाल मीणा चुनाव जीते थे।
उस समय मीणा वोटरों ने खुलकर भाजपा का साथ दिया था। इस बार ये जाति भाजपा से दूर है।
नरेश मीणा मूल रूप से कांग्रेस के थे और बागी हुए है, इस कारण कांग्रेस का भी इस जाति का वोट बैंक उससे कटेगा। देखा जाए तो नरेश मीणा भाजपा व कांग्रेस, दोनों को नुकसान पहुंचा रहे है।
भाया से टक्कर आसान नहीं:
कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया से टक्कर आसान नहीं। पिछले चुनाव में भी भारी कशमकश के बाद भाया केवल 5 हजार से थोड़े अधिक वोटों से ही चुनाव हारे थे। इस बार भी भाया पूरी ताकत से उप चुनाव लड़ रहे है।
भाजपा राजे के भरोसे है:
भाजपा इस विधानसभा उप चुनाव में पूरी तरह से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भरोसे है। टिकट भी उनकी सलाह के बाद ही दिया गया है। भाजपा ने जो चुनाव संचालन समिति बनाई है, उसकी कमान भी राजे के सुपुत्र व सांसद दुष्यंत सिंह को दी है।
इस चुनाव में भाजपा की तरफ से राजे की प्रतिष्ठा ही दाव पर रहेगी। सीएम भजनलाल थोड़े आराम में है।
कांग्रेस की प्रतिष्ठा भी दाव पर:
अंता विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की प्रतिष्ठा दाव पर है। यहां भाया की टिकट उनकी सिफारिश पर है। इस कारण हार जीत का असर भी इन दोनों नेताओं पर पड़ेगा।
दोनों दलों के भीतर है संघर्ष:
भाजपा व कांग्रेस, दोनों दलों के भीतर भी एक अलग तरह की खींचतान है। जिसका असर भी चुनाव परिणाम पर पड़ेगा। भाजपा जीतती है तो राजे का कद बढ़ेगा, वहीं भाया जीतते है तो गहलोत को ऑक्सीजन मिलेगी। ये बात दोनों पार्टियों के दोनों गुट जानते है। उस कारण भी पर्दे के पीछे अलग राजनीति भी चल सकती है