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राज्यसभा में हर्ष महाजन की चिंता: हिमाचल के राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति

 

RNE Network.
 

राज्यसभा के शून्यकाल में हिमाचल प्रदेश से सांसद हर्ष महाजन ने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की वर्तमान स्थिति, भूस्खलन जोखिम, और नाज़ुक हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे सदन के समक्ष उठाए। अपने वक्तव्य की शुरुआत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को अभूतपूर्व सहयोग मिला है और अब तक लगभग 30,000 करोड़ रुपये राष्ट्रीय राजमार्गों पर निवेश किए जा चुके हैं, जो राज्य की कनेक्टिविटी और विकास में महत्वपूर्ण कदम है।
 

सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि हिमाचल की नाज़ुक पर्वतीय भू-आकृतिक संरचना के कारण सड़क निर्माण में विशेष सतर्कता आवश्यक है। भारी मानसून और बढ़ते भूस्खलनों ने यह साबित कर दिया है कि सभी कार्य वैज्ञानिक और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर सीधी और गहरी कटिंग से ढलान अस्थिर हुए हैं, जिससे भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ी हैं। उन्होंने डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसियों की कड़ी जांच और उनमें भू-तकनीकी व पर्यावरणीय अध्ययन को अनिवार्य करने की मांग रखी, क्योंकि कमजोर और अधूरी डीपीआर कई परियोजनाओं में खामियों का कारण बनती है।
 

सांसद ने एनएचएआई के प्रशिक्षित अधिकारियों द्वारा साइटों पर नियमित और कठोर निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कई ठेकेदार स्वीकृत मानकों का पालन नहीं करते, जल्दीबाज़ी में वैज्ञानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हैं और घाटियों में मलबा फेंकने जैसे गंभीर पर्यावरणीय उल्लंघन करते हैं। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है।