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मुख्य सचिव के केंद्र में जाने के बाद अब आईएएस में बड़ा बदलाव, कई कलेक्टर भी बदलने की संभावना

कुछ मंत्रियों के विभागों के सचिवों में भी परिवर्तन के आसार
पर्ची सरकार का टैग हटाने की कवायद
 

मधु आचार्य ' आशावादी '

RNE Network.

राज्य की भजनलाल सरकार को दिसम्बर के आरम्भ में दो साल हो जायेंगे। इस वर्षगांठ से पहले राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव की बातें पिछले तीन महीनें से चल रही थी। ब्यूरोक्रेशी में भीतरी टकराहट के साथ साथ कुछ मंत्रियों के भी न्यूरोक्रेशी से बेहतर रिश्ते न होने की चर्चाएं गर्म थी। कई बातें राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारे में गूंज रही थी।
 

इस गूंज की परिणीति भी सामने आई। अचानक से मुख्य सचिव सुधांशु पंत को वापस केंद्र में बुला लिया गया। उनको वहां सामाजिक न्याय विभाग में सचिव लगाया गया। राजीव महर्षि के बाद वे दूसरे ऐसे मुख्य सचिव थे जो कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे। इस बड़ें प्रशासनिक फेरबदल से ही साफ हो गया कि ब्यूरोक्रेशी में बड़ा बदलाव निश्चित है। मुख्य सचिव बदलने के साथ ही उस बदलाव की बात भी पुष्ट होती नजर आ रही है।
 

अब बड़े पैमाने पर आईएएस बदलेंगे:
 

मुख्य सचिव के बदल जाने के बाद अब व्यापक स्तर पर आईएएस में बदलाव होना भी निश्चित है। क्योंकि हर नया मुख्य सचिव अपने अनुकूल ब्यूरोक्रेशी को बिठाता है। वहीं सरकार को भी अपनी मर्जी के अनुसार जिला कलेक्टर सहित कई पदों पर आईएएस लगाने का अवसर मिलेगा। 
 

दरअसल सरकारी महकमों के सचिव ही विभाग को  चलाते है। उनको ही नीतियां लागू करनी होती है। इस कारण उन पदों पर मुख्य सचिव अपने हिसाब से योग्य व भरोसे के आईएएस बिठाता है।
 

कई कलेक्टरों के बदलने की बात:
 

प्रशासनिक फेरबदल में कई जिलों के कलेक्टरों को बदलने की बात चल रही है। ये बदलाव नये मुख्य सचिव के अनुसार तो होगा ही मगर साथ ही राजनीतिक आधार पर भी कुछ कलेक्टर बदलेंगे। कई मंत्री अपने जिलों में कलेक्टर बदलवाना चाहते है तो कुछ विधायकों का भी अपने कलेक्टर बदलने का दबाव है। कुछ कलेक्टरों को अपने पद पर काम करते हुए 2 साल से अधिक का समय भी हो गया है। ब्यूरोक्रेशी के गलियारों में कलेक्टरों के बदलने बात सबसे ज्यादा सुर्खियां पाये हुए है। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में जिला कलेक्टर बदले जाने की संभावना जताई जा रही है।
 

मंत्रियों के सचिव भी बदलेंगे:
 

अनेक कैबिनेट मंत्री अपने वर्तमान विभागीय सचिवों से संतुष्ट नहीं है। उनके बदलने की बात वे सीएम से लगातार कर रहे है। उनकी बात अब तक तो स्वीकारी नहीं गयी थी। मगर माना जा रहा है कि मुख्य सचिव के बदले जाने के बाद कई मंत्रियों के सचिवों में भी बदलाव होगा। जिस के लिए अभी से होमवर्क शुरू भी हो गया है। 
 

पर्ची टैग हटाने की कोशिश:
 

विपक्ष लगातार भजनलाल सरकार को पर्ची सरकार कहकर बदनाम कर रहा है। ये भी कहा जाता है कि इस सरकार में सारे निर्णय मुख्य सचिव ही लेते है। इस टैग को बदलने के सभी इंतजाम इस बार करने की तैयारी है। मुख्य सचिव का अचानक से तबादला इस प्रक्रिया की शुरुआत माना जा रहा है। 
 

आने वाले दिनों में ब्यूरोक्रेशी में बड़े बदलाव की बात अधिकतर जानकर लोग कह रहे है। मुख्य सचिव पर नई नियुक्ति के साथ ही ब्यूरोक्रेशी में बदलाव की बयार चलेगी। क्योंकि 2 साल सरकार के होने पर अब मंत्रिमंडल विस्तार व पुनर्गठन भी होगा ताकि उससे भी टैग को हटाने का काम किया जाना है।