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बीकानेर में हंगामा: गोचर बचाओ आंदोलनकारियों ने कलेक्ट्रेट में बैरिकेड गिराये, पुलिस ने लाठियां बजाई

 

RNE BIKANER .

बीकानेर विकास प्राधिकरण (बीडीए) के मास्टर प्लान में गोचर-ओरण भूमि को व्यावसायिक प्रस्तावित करने पर आक्रोशित बीकानेरवासियों ने कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया। धरने की घोषणा पर पहुंचे प्रदर्शनकारी कलेक्टर ऑफिस की तरफ बढ़ गये। नारे लगाते लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा रखा थे। इन बैरिकेड्स को प्रदर्शनकारियों ने गिरा दिया। पुलिस और गौसेवक आमने-सामने हो गये। हंगामा बढ़ने और इसके साथ ही हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठियां भांजकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।

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प्रदर्शन में उमड़े संत-श्रद्धालुओं, गोप्रेमियों ने कहा, गोचर को खत्म करने का निर्णय किसी के हित में नहीं है। इस निर्णय को तुरंत वापस लें। गोचर भूमि पर सिर्फ गाय का ही अधिकार है। दूसरी ओर गोचर में हो रहे अतिक्रमण को भी प्रदर्शनकारियों ने महापाप बताया। दरअसल गोचर-ओरण संरक्षक संघ ने बीकानेर में गोचर बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसी आह्वान पर बीकानेर शहर-गांव से बड़ी तादाद में लोग कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हो गये।
राजनीति: कल्ला आये, भाटी का संदेशः
आंदोलन में पूर्व मंत्री डा.बी.डी.कल्ला, कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत सहित कई कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता पहुुंचे। कल्ला ने कहा, कांग्रेस सरकार के वक्त कभी गोचर पर संकट नहीं आने दिया। आज जो हालात दिख रहे हैं उससे लगता है कि वर्तमान प्रतिनिधि इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं या प्रशासन उन्हें पूछ नहीं रहा।
दूसरी ओर पूर्व मंत्री ओर गोचर के लिए लंबा आंदोलन चलाने वाले कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। बताया गया कि स्वास्थ्य कारणों से भाटी प्रदर्शन में नहीं पहुंचे। अलबत्ता उनका संदेश धरनास्थल पर सुनाया गया। 
संदेश में भाटी ने कहा, यहां गाय पर संकट आ रहा है इसलिए एकत्रित होना पड़ा। कांग्रेस की पिछली सरकार ने जाते-जाते गोचर में हुए कब्जों को नियमित कर पट्टे काटने की बात कही। जनता, संतों का विरोध होने के बाद निर्णय वापस लेना पड़ा।
ये जो गाय के लिए जानी जाती है भाजपा इस सरकार में भी अधिकारियों ने षड़यंत्रकारियों से मिलकर सरकार को गुमराह कर दिया है। ये हमारी गाय पर संकट है। हमें सचेत होना पड़ेगा। संघर्ष करना पड़ेगा।
सरेह नथानिया में 23 हजार बीघा और सुजानदेसर में 15 हजार बीघा गोचर है। इस पर अधिग्रहण करना चाहते हैं। यहां पर पौधे, पेड़, वन्यजी है। इन सबको खत्म कर देना चाहते हैं। हमें लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिये। आज इसकी शुरुआत कर रहे हैं।
अभी स्वास्थ्य ठीक नहीं हेाने से उपस्थित नहीं हो सका। जल्द उपस्थित होऊंगा। मिलकर सड़कों पर लड़ाई लड़ेंगे।