Black Money Consumption : हरियाणा में प्रापर्टी लेनदेन में दो लाख से अधिक की राशि दी तो आयकर विभाग करेगा जांच, लगेगा मोटा जुर्माना
हरियाणा में प्रापर्टी लेनदेन में दो लाख से अधिक की राशि का नकद लेनदेन करने वालों को अब आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ेगा। राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों, डीआरओ, तहसीलदार को इस संबंध में निर्देशित करते हुए सूचित कर दिया है। इससे नकद लेन-देन कर कालेधन की खपत पर अंकुश लगाने की कवायद असरदार साबित हो सकेगी।
इस संबंध में अप्रैल माह में सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए थे। अब राज्य सरकारें इस फैसले को लागू करने की तैयारी में है। राजस्थान समेत कई सरकारें अपने यहां इस फैसले को लागू कर चुकी हैं। हरियाणा सरकार ने सभी उपायुक्तों व जिला राजस्व अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू करने के लिए इस डिटेल आर्डर को प्रेषित किया है।
इन आदेशों के तहत प्रदेश में किसी भी प्रापर्टी के लेन-देन में दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान होने पर राजस्व विभाग आयकर विभाग को जानकारी देगा। आयकर विभाग इस राशि को लेकर जांच करेगा। हालांकि प्रापर्टी की लेन-देन में अधिकांश नकद लेन-देन को आन रिकार्ड दिखाया ही नहीं जाता है। कालेधन को बचाने के लिए टैक्स चोरी के इरादे से इस तरह की गड़बड़ बहुत पहले से चल रही है।
देखने वाली बात यह होगी कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश औ सरकार के प्रयास कितने रंग लाते हैं। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार और डीआरओ राकेश छोकर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश मुख्य सचिव के पास पहुंचे थे। इन आदेशों की कापी हमारे पास आ चुकी है। आदेश संबंधित सभी पंजीकरण अथारिटी के पास भेज दी गई है। कोई लेन-देन दो लाख रुपये से अधिक होगा तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सूचित कर दिया जाएगा। प्रापर्टी के लेनदेन में दो लाख रुपये या उससे अधिक का नकद भुगतान करना आयकर अधिनियम 1961 के तहत एक गंभीर उल्लंघन है। ऐसा करने पर 100 प्रतिशत तक का भारी जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी एक दिन, एक लेनदेन या एक ही घटना से जुड़े कई लेनदेन में दो लाख रुपये उससे अधिक की नकद राशि स्वीकार नहीं कर सकता। इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना नकद लेने वाले व्यक्ति पर लगाया जाएगा, न कि देने वाले पर। दो लाख रुपये से अधिक का नकद भुगतान प्राप्त करने पर प्राप्त की गई नकद राशि के बराबर जुर्माना देना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति पांच लाख रुपये नकद लेता है तो उस पर पांच लाख रुपये का ही जुर्माना लगाया जाएगा।
बैंक चैनलों के इस्तेमाल से ही कार्रवाई से बचाव संभव
भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए प्रापर्टी के लेनदेन में हमेशा बैंक चैनलों का इस्तेमाल करना चाहिए। अकाउंट-पेई चेक, बैंक ड्राफ्ट (डीजी), इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी/आरटीजीएस) या यूपीआइ जैसे डिजिटल भुगतान माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। एक ही दिन में एक व्यक्ति से, एक ही लेनदेन के लिए या एक ही घटना से जुड़े कई लेनदेन के लिए दो लाख रुपये या उससे अधिक नकद लेने से बचना चाहिये।