Crop MSP : खुशखबरी, किसानों की खरीफ फसलों को एमएसपी पर खरीद के साथ दिया जाएगा बोनस
हरियाणा में सभी खरीफ फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाएंगी। काला तिल, उड़द, अरहर और सोयाबीन जैसी फसलों पर बोनस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर और अधिकारियों के साथ बैठक में यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में खरीद की निगरानी के लिए 24 घंटे निरीक्षक तैनात रहेंगे। किसानों को मोबाइल पर न केवल गेट पास मिल जाएगा, बल्कि मंडी में ही स्कैनर की सुविधा भी मिलेगी ताकि प्रिंट निकाला जा सके। इसके अलावा तौल में गड़बड़ी रोकने के लिए डिजिटल कांटे और फसल में नमी जांच के लिए एडवांस टेक्नालाजी की मशीनों की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई निरीक्षक ड्यूटी में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। किसानों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मंडियों और खरीद केंद्रों में सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। मंडियों में नमी जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
खरीद केंद्र और मंडियों में पीने के पानी, जल निकासी, स्वच्छता और फसल की सुरक्षा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। धान (कामन) के लिए एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। ज्वार (हाईब्रिड) की एमएसपी 3699 रुपये तथा मलदंडी ज्वार का 3749 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। बाजरा 2775 रुपये, मक्का 2400 रुपये, तूर/अरहर 8000 रुपये, मूंग 8768 रुपये, उड़द 7800 रुपये, मूंगफली 7263 रुपये, सोयाबीन (पीला) 5328 रुपये, तिल 9846 रुपये और काला तिल 9537 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा।
72 घंटे में मिल जाएगा भुगतान
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर ने अधिकारियों को सभी अधिसूचित मंडियों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि खरीदे गए धान को 72 घंटे में उठान कराने, 72 घंटे में डीबीटी ट्रांसफर करना सुनिश्चित करें। सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक मंडियों का औचक निरीक्षण कर दैनिक रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे।
उपचारित पानी की गुणवत्ता में सुधार करें: सीएम
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रही मेगा परियोजनाओं को तय समय अवधि में पूरा किया जाए। इनकी प्रगति की प्रशासनिक सचिव स्वयं निगरानी करें। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उपचारित पानी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रदेश में चल रही 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।