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Shriganganagar के नेत्रहीन दीपक को 700 किमी दूर बाड़मेर में पोस्टिंग, शिक्षामंत्री दिलावर को पता चला तो गृह जिले में भेजा

 

RNE Jaipur-Shriganganagar.

शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर मीटिंग ले रहे थे। इसी दौरान नेत्रहीन दंपती मीटिंग में आ गए। कुछ अधिकारियों को अखरा लेकिन वे कुछ कर पाते उससे पहले ही दिलावर उठे। इस दंपती को सहारा दिया। आने की वजह पूछी। ये जानकार हैरान हुए कि श्रीगंगानगर जिले नेत्रहीन दीपक लगभग 700किमी दूर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जगमाल का ताला, ग्राम पंचायत मांगता, ब्लॉक धोरीमना, जिला बाड़मेर में पदस्थापित है। उसकी इच्छा के अनुरूप हाथोंहाथ श्रीगंगानगर जिले में नियुक्ति के आदेश दिये।
दरअसल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। तभी अचानक एक नेत्रहीन दंपति बीच बैठक में मंत्री दिलावर से मिलने आए। सुरक्षा कर्मियों ने दोनों को रोकने का प्रयास किया तो मंत्री ने दोनों को अंदर बुला लिया। 

 


पति-पत्नी दोनों नेत्रहीन : 
नेत्रहीन दीपक कुमार ने बताया कि वह श्रीगंगानगर जिले का रहने वाला है। शिक्षा विभाग में अध्यापक लेवल प्रथम विशेष शिक्षा वीआई के पद पर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जगमाल का ताला, ग्राम पंचायत मांगता, ब्लॉक धोरीमना, जिला बाड़मेर में पद स्थापित है। यह उसके गृह जिले श्रीगंगानगर से 700 किलोमीटर दूर है। इस कारण उसे घर आने जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। उसकी पत्नी भी 100 प्रतिशत नेत्रहीन है। ऐसे में गृह जिले से 700 किलोमीटर दूर बाड़मेर में सेवा देना उसके लिए चुनौतीपूर्ण है।
बताओ कहां नियुक्ति दें? घर के पास वाले स्कूल में : 
इस पर शिक्षा मंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक दीपक कुमार से पूछा कि तुम कहां लगना चाहते हो बताओ। तुम्हारे इच्छित स्थान पर ही तुम्हें लगा देंगे। दीपक ने कहा कि राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय अशोकनगर जिला श्रीगंगानगर उसके घर के नजदीक है। कृपया कर उसे वहां लगा दिया जाए। इस पर शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री ने तत्काल श्री दीपक कुमार को उसके घर के नजदीक राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, अशोक नगर, श्रीगंगानगर में लगाने के आदेश जारी किए। 
बैठक में उपस्थित मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी श्रीगंगानगर को निर्देश दिए कि दीपक कुमार को श्रीगंगानगर में पोस्टिंग दिलवाएं और बाड़मेर में उसके वर्तमान पदस्थापना स्थान से रिलीव करने की प्रक्रिया में मदद करें। इच्छित स्थान पर पदस्थापन मिलने पर नेत्रहीन दंपत्ति ने शिक्षा मंत्री का आभार प्रकट किया।