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CET Update : हरियाणा सीईटी को झटका, परीक्षा को हाईकोर्ट में मिली चुनौती, अगली सुनवाई 21 को 

तकनीकी पदों के लिए अलग से परीक्षा करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर की याचिका 
 
 

 हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हाल ही में ली गई कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सीईटी 2025 को अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती मिली है। जहां पर तकनीकी पदों पर सामान्य अभ्यार्थियों को शामिल करने का विरोध किया है और तकनीकी पदों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।

इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त निर्धारित की गई है और इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले ने कहा कि हाल में ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 26 व 27 जुलाई को सीईटी की परीक्षा का आयोजन किया गया।

इस परीक्षा में तकनीकी पदों के लिए भी वह प्रश्न पूछे गए जो गैर तकनीकी पदों के लिए होते है। ऐसे में तकनीकी पदों पर काम करने वाले के लिए यह सही नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो तकनीकी पदों पर विशेषज्ञता खत्म हो जाएगी। 

ऐसे में एक ही तरह की परीक्षा में तकनीकी योग्यता और अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को अन्य विषयों के उम्मीदवारों के साथ शामिल करना अनुचित है यह तर्क देते हुए तकनीकी पदों के लिए अलग सीईटी परीक्षा आयोजित करने की मांग उठाई है। 

अनुभव वाले पदों के लिए भी एक सामान परीक्षा 

याचिका दायर करने वाले ने तर्क दिया कि सीईटी पालिसी अतार्किक है और असंगत है। विभिन्न तकनीकी विभागों जैसे स्वास्थ्य, कृषि, इंजीनियरिंग, बिजली, मैकेनिकल, कंप्यूटर व अन्य क्षेत्रों में पदों के लिए विशेषज्ञ ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है, लेकिन सरकार ने सामान्य सीईटी लागू कर इन पदों पर भी सामान्य अभ्यर्थियों को शामिल कर दिया है। इससे विशेषज्ञ उम्मीदवारों के अवसर प्रभावित हो रहे है। 

अधिसूचना का भी किया था विरोध 

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले ने कहा कि 31 दिसंबर 2024 को हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर तकनीकी पदों के लिए भी सामान्य सीईटी को अनिवार्य कर दिया। इसके खिलाफ विभिन्न अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी, लेकिन उनकी आपत्तियों पर विचार किए बिना नीति लागू कर दी गई।

याचिकाकर्ताओं ने इस नीति को रद करने और तकनीकी पदों के लिए अलग पात्रता परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। इस पर हरियाणा सरकार की तरफ से हाईकोट्र में कहा गया कि  इस नीति से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत जवाब तैयार करने के लिए उन्हें समय चाहिए। कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त 2025 निर्धारित की है।