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Haryana : हरियाणा में अब मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाने पर ही मिलेगा खाद 

 

हरियाणा में पहली बार बुधवार से खाद की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई। किसानों को खाद विक्रेताओं से पहले की तरह आधार कार्ड से खाद मिलेगा। इसके लिए किसान का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। जो पंजीकृत नहीं है, उन्हें पंजीकरण होते ही खाद मिलने लगेगा।

ऑनलाइन सिस्टम का मकसद अवैध बिक्री को रोकना है। इससे औद्योगिक क्षेत्र व दूसरे राज्यों के लोगों को खाद नहीं मिलेगा। विक्रेता को रोजाना की रिपोर्ट कृषि विभाग को भेजनी होगी। प्रदेश को केंद्र से 18 लाख टन खाद मिलेगा। इसमें 11.60 लाख टन यूरिया और 2.70 लाख टन डीएपी है।

हरियाणा में रबी सीजन में 25 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई होगी। प्रदेश को 24 दिनों में 1.50 लाख टन डीएपी मिलेगा। प्रदेश में खाद का स्टॉक 3.82 लाख टन है। प्रदेश में खरीफ सीजन में 12.80 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है। इन किसानों ने कुल मिलाकर 73.48 लाख एकड़ में फसल की बिजाई की है।

खाद कहां से मिलेगा 

विक्रेता के पास जाना होगा, जैसे पहले मिलता था, वैसे ही मिलेगा। मेरा फसल मेरा ब्योरा के डेटा को खाद विक्रेता को भेज दिया है। विक्रेता डेटा देखकर खाद देंगे।

जितना खाद चाहिए उतना मिलेगा या कोई बंदिश होगी

कोई प्रतिबंध नहीं है, जितना खाद चाहिए, उतना मिलेगा। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

मुझे कैसे पता चलेगा कि खाद उपलब्ध है या नहीं?

खाद विक्रेता से पता कर सकते हैं खाद है या नहीं। डीलर के पास कितना खाद है, यह ऑनलाइन है।

मेन्युअल और ऑनलाइन बिक्री में क्या अंतर है?

 पहले कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड दिखाकर खाद ले सकता था, अब मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज नाम के आधार पर ही खाद दिया जाएगा।