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New Districts : दिल्ली में बनेंगे दो नए जिले, 11 से बढ़कर 13 हो जाएगी जिलों की संख्या 

एमसीडी के 12 जोन हैं, जिन्हें 12 जिले बनाया जा सकता है। वहीं 13वें जिले के रूप में दिल्ली छावनी बोर्ड एवं एनडीएमसी की सीमा क्षेत्र को मिलाकर बनाया जा सकता है
 

दिल्ली सरकार की तरफ से जिलों की संख्या बढ़ाने पर कदम उठाया है। जहां पर दिल्ली में दो नए जिलों का गठन  किया जाएगा। फिलहाल दिल्ली में 11 जिले है और उनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाएगी। दिल्ली सरकार की तरफ से नए बनने वाले दो  जिलों के लिए प्रस्ताव मांगे गए है। जिलों की संख्या बढ़ाने के पीछे दिल्ली सरकार का तर्क है कि इससे प्रशासनिक ढांचा मजबूत हो जाएगा और विकास के नए रास्ते खुलने वाले है।

ऐसा करने से विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और जनता की समस्याओं का जल्द समाधान किया जा सकेगा। नए जिलों का गठन होने के साथ ही जिलाधिकारियों की शक्तियां भी बढ़ाई जाएंगी। इन दो जिलों के गठन के बाद जिला की सीमाओं में बढ़ा बदलाव होने वाला है। 

एमसीडी जोन को ही जिला घोषित किया जा सकता है। बता दें कि एमसीडी के 12 जोन हैं, जिन्हें 12 जिले बनाया जा सकता है। वहीं 13वें जिले के रूप में दिल्ली छावनी बोर्ड एवं एनडीएमसी की सीमा क्षेत्र को मिलाकर बनाया जा सकता है। एमसीडी की सीमा ही जिले की सीमा होगी। दक्षिण-पूर्व और बाहरी दिल्ली के कुछ जिलों का नाम बदलकर उनकी सीमाओं के आधार पर रखा जा सकता है।

वहीं शाहदरा जिले को खत्म किया जा सकता है। साथ ही सुरक्षा और निगरानी भी बेहतर हो सकेगी। जिलों के छोटे होने के बाद लोग अपनी शिकायतें लेकर सीधे डीएम के पास जा सकेंगे। नए जिले बनने के बाद एमसीडी जोन के डीसी, पीडब्ल्यूडी, जल विभाग समेत अन्य विभागों के नोडल अधिकारी डीएम के दफ्तर में बैठेंगे और एक ही जगह से काम करेंगे।

इससे अलग-अलग विभागों के बीच सीमा को लेकर होने वाले विवाद भी खत्म हो जाएंगे। इससे प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चल सकेगा। साथ ही जनता के लिए भी काम आसान हो जाएगा। जनसुनवाई और शिकायत पेटिका में आने वाली शिकायतों पर भी नोडल अधिकारी संज्ञान लेंगे।

इसके बाद डीएम नोडल अधिकारियों से इनकी रिपोर्ट भी ले सकेंगे। एमसीडी जोन, पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड और डीएम की सीमाएं एक होने के बाद सीमा विवाद भी खत्म हो जाएगा। जानकारी के अनुसार, बीते सप्ताह सीएम रेखा गुप्ता के सामने इसका प्रस्ताव रखा जा चुका है। जल्द कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लग सकती है।