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चालक भर्ती परीक्षा में फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर घुसे क्वेश्चन सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़

 

RNE Network.
 

बिहार के रोहतास जिले में केंद्रीय चयन परिषद द्वारा आयोजित बिहार पुलिस चालक भर्ती की लिखित परीक्षा के दौरान रोहतास पुलिस ने एक बड़े जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर परीक्षा केंद्र के भीतर जांच के नाम पर प्रवेश कर अभ्यर्थियों से संपर्क स्थापित कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी अशोक कुमार सिंह सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
 

मिली जानकारी के अनुसार, बिहार पुलिस में चालक पद के लिए रविवार को लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। डेहरी स्थित डी.ए.वी. स्कूल, कटार में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर एक व्यक्ति खुद को पटना सचिवालय से जुड़े वरिष्ठ कोषागार पदाधिकारी बताते हुए निरीक्षण के नाम पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर गया। वह काफी देर तक परीक्षा कक्षों में घूमता रहा और बाद में एक चिन्हित अभ्यर्थी के पास पहुंचकर उसे अपने साथ बाहर ले गया। बताया जाता है कि जिस स्कॉर्पियो वाहन से वह आया था, उसमें पहले से ही दो साथी बैठे थे, जो पूरी तैयारी के साथ तैयार थे।
 

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने विकास कुमार नामक अभ्यर्थी को स्कॉर्पियो में ले जाकर उसकी OMR उत्तर-पत्रक को भर दिया और फिर उसे वापस परीक्षा कक्ष में भेज दिया। इसके बाद केंद्र पर तैनात पुलिस अधिकारियों, सुपरवाइजर और मजिस्ट्रेट को शक हुआ। पूछताछ के दौरान मामला पूरी तरह उजागर हो गया।
 

सूचना मिलते ही इंद्रपुरी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और फर्जी मजिस्ट्रेट बने अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वह पटना के महेंद्रु घाट स्थित एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक बताया जाता है। पुलिस ने अभ्यर्थी विकास कुमार (निवासी: घोसी, जहानाबाद), स्कॉर्पियो में मौजूद क्वेश्चन सॉल्वर विशेषज्ञ संतोष कुमार तथा वाहन चालक ललित कुमार को भी हिरासत में ले लिया।
 

डेहरी के ए.एस.पी. अतुलेश झा ने बताया कि अशोक कुमार सिंह के पास एक फर्जी आईडी कार्ड भी मिला है। जांच में यह भी सामने आया कि वह परीक्षा से एक दिन पहले भी केंद्र पर जाकर रेकी कर चुका था।
 

स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी के कारण पूरे जालसाजी रैकेट का खुलासा हो गया। गिरफ्तार आरोपियों में अशोक कुमार सिंह के साथ अभ्यर्थी विकास कुमार, क्वेश्चन सॉल्वर संतोष कुमार और स्कॉर्पियो चालक ललित कुमार शामिल हैं। गौरतलब है कि आरोपियों ने स्कॉर्पियो वाहन पर जिला प्रशासन, रोहतास का नकली नेम प्लेट भी लगाया हुआ था।