Bridge Construction : हरियाणा के इस शहर में 31.10 करोड़ रुपए से बनेगा आरओबी, रेलवे की मंजूरी का इंतजार
हरियाणा में रेलवे फाटक पर लगने वाले जामों से राहत के लिए सरकार द्वारा आरओबी का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में हिसार के साउथ बाईपास पर सातरोड के पास नए आरओबी के निर्माण की आस जगी है। हालांकि इस बाईपास का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन रेलवे के अनुमति के कारण अटका हुआ है।
वीरवार को रेलवे की टीम इस आरओबी का निरीक्षण करेगी और रेलवे की जमीन पर आरओबी निर्माण की अनुमति मिलने की उम्मीद है। रेलवे की टीम ने अनुमति दी तो जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी। इस आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) का निर्माण कार्य 31 अगस्त की पांचवीं डेडलाइन पर पूरा नहीं हो पाएगा। बीएंडआर को अभी तक रेलवे ने गर्डर लॉन्चिंग स्कीम को अनुमति नहीं दी है।
बीएंडआर अफसरों का कहना है कि रेलवे टीम गुरुवार को फाइनल निरीक्षण के लिए साइट पर पहुंचेगी। इसके बाद लॉन्चिंग स्कीम दो से तीन दिन में जारी हो जाएगी। इससे पहले बीएंडआर ने रेलवे पोर्सन पर रखे जाने वाले सभी गर्डर साइट पर पहुंचा दिए। जैसे ही रेलवे के अधिकारी ब्लॉक देता और लॉन्चिंग स्कीम मंजूर करता है तो
गर्डर रखने का काम हो जाएगा। असल में इसके देरी के कारण आरओबी की साइट पर रखे गए गर्डर। अभी तक रेलवे के हिस्से में गर्डर रखने की अनुमति एजेंसी को नहीं मिल पाई है। अगर इसी सप्ताह में अनुमति मिलती है तो भी गर्डर रखने व इस पर स्लैब डालने के लिए कम से कम एक से दो सप्ताह का समय लगेगा। यानी कि अगर जुलाई माह में गर्डर रखे जाएंगे तो भी फिर स्लैब कास्टिंग का काम होगा।
दुष्यंत चौटाला ने दी थी आरओबी की सौगात
हिसार के साउथ बाईपास पर सातरोड़ के निकट बनने वाले आरओबी की सौगात पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी थी। दुष्यंत चौटाला ने दिसंबर 2021 में इसका शुभारंभ किया था। 31.10 करोड़ की लागत से बनने वाले इस आरओबी को पूरा होन का समय फरवरी 2024 निर्धारित की थी।
बाद में इसे बढ़ाकर जून 2024 कर दिया। इस समयावधि में भी काम पूरा नहीं हुआ तो नई डेडलाइन अक्तूबर 2024 दी गई। गाटर के लिए रेलवे से मंजूरी न मिलने के कारण काम पूरा नहीं हो सका। ऐसे में फरवरी 2025 तीसरी समय सीमा रखी गई, लेकिन इसमें पूरा नहीं हुआ। फिर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जून मई माह का समय रख गया। चौथी डेडलाइन में भी यह काम पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद इसकी पांचवीं डेडलाइन 31 अगस्त रखी गई है।