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Roadways Bus Pass : परमिट बसों में छात्राओं व बुजुर्गों के रोडवेज पास ट्रांसपोर्टरों ने किए बंद, बढ़ी परेशानी 

रोडवेज के आंकड़ों के मुताबिक महेन्द्रगढ़ रूट पर करीब 107 में से प्राइवेट के पास लगभग 71 और रोडवेज के पास करीब 36 फेरों के टाइम हैं। पटौदी रूट पर लगभग 57 में से प्राइवेट के पास करीब 28 और रोडवेज के पास तकरीबन 29 टाइम है टाइम हैं।
 

रेवाड़ी से कोसली, महेंद्रगढ़, अटेली और पटौदी रूट पर बस से यात्रा करने वाले हजारों बुजुर्ग और छात्राओं के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन रूटों पर चलने वाली 70% बसें परमिट (प्राइवेट) होने के कारण, अब इनमें रोडवेज के पास पूरी तरह ट्रांसपोर्टरों ने बंद कर दिए हैं। इस स्थिति ने बुजुर्गों और कॉलेज छात्राओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, जिन्हें अब यात्रा के लिए पूरा किराया देना पड़ रहा जबकि वे पास के माध्यम से छूट के पात्र हैं।

यह समस्या तब शुरू हुई जब हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन है, लेकिन जिले ट्रांसपोर्टरों ने पास बंद भी कर भी कर दिए हैं। हालांकि, उसके बाद हिसार कोर्ट ने फैसले में कहा था कि स्टे नहीं लगता, तब तक प्राइवेट में पास चलेंगे। दरअसल, कई जिलों के आरटीए ने नए आदेश जारी किए थे, जिस पर लगी याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राइवेट बसों में रोडवेज पास फ्री पर आरटीए अधिकारियों से नोटिस देकर जवाब मांगा था।

इसके बाद एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हिसार कोर्ट ने ट्रांसपोर्टरों के फैसले पर कहा कि जब तक हाईकोर्ट का स्टे नहीं आ जाता, तब तक प्राइवेट में भी सरकारी रियायती दर वाले पास मान्य होंगे। फिलहाल, हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन है, मगर प्राइवेट बस ट्रांसपोर्टरों ने सरकारी पास पूरी तरह बंद कर दिए हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि हिसार कोर्ट का फैसला सिर्फ 3 ट्रांसपोर्टरों के लिए था और आरटीए का कहना है कि प्रोसेस चल रही है, अभी स्पष्ट नहीं है। 

हर छात्रा पर 3 हजार तक बढ़ सकता है किराए का बोझ

रोडवेज के आंकड़ों के मुताबिक महेन्द्रगढ़ रूट पर करीब 107 में से प्राइवेट के पास लगभग 71 और रोडवेज के पास करीब 36 फेरों के टाइम हैं। पटौदी रूट पर लगभग 57 में से प्राइवेट के पास करीब 28 और रोडवेज के पास तकरीबन 29 टाइम है टाइम हैं। कोसली रूट पर करीब 24 में से रोडवेज के पास लगभग 3 और प्राइवेट के पास करीब 21 टाइम हैं।

वहीं, अटेली रूट पर करीब 45 में से लगभग टाइम प्राइवेट के पास हैं। इन चारों रूटों पर लगभग 233 टाइम हैं, जिनमें से रोडवेज के पास सिर्फ 30% यानी 68 और प्राइवेट के पास 70% यानी करीब 165 टाइम हैं। चारों रूट पर प्रतिदिन हजारों छात्राएं सफर करती हैं, जिनको अब किराया देना पड़ रहा है। कंडक्टरों के अनुमान के मुताबिक, औसतन एक छात्रा प्रतिदिन घर से कॉलेज और कॉलेज से घर के लिए करीब 80 से 100 रूपए तक किराया देती है। अगर पास फ्री नहीं हुए तो एक छात्रा का पढाई का खर्चा हर माह 2500 से 3000 बढ़ जाएगा।

सरकार हमें अनुदान दे, पास फ्री कर देंगे : प्रधान

हरियाणा सहकारी परिवहन समिति के जिला प्रधान यशबीर कुमार ने बताया कि राज्य सरकार हर वर्ष रोडवेज को यात्रियों को दी जाने वाली रियासतों के लिए अनुदान देती है और पिछले साल भी लगभग 30 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया है। सोसाइटी बसों को इन रियायतों के लिए कोई भी अनुदान नहीं दिया जाता है। सरकार को चाहिए कि वह सरकारी समितियां बसों को भी अनुदान दें। फिलहाल, फ्री पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई हुई है, जिसके बाद हिसार कोर्ट ने रियायत देने के सिर्फ 3 ट्रांसपोर्टरों को आदेश दिए थे, रेवाड़ी के लिए आदेश नहीं थे।

रेवाड़ी को लेकर फैसला पूरी तरह स्पष्ट नहींः एसडीएम

एसडीएम सुरेश कुमार ने कहा कि प्राइवेट बसों में सरकारी पास पर हाई कोर्ट की ओर से रोक लगाई गई थी, जिसके बाद हिसार कोर्ट ने पास मान्य कर दिए थे। हालांकि, अभी रेवाड़ी को लेकर यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। जैसे ही नए आदेश आएंगे, उन्हें लागू किया जाएगा।