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Indian Railway: रेलवे कर्मचारियों के लिए आया बड़ा अपडेट, क्यूआर कोड से होगी पहचान, बदले जाएंगे पहचान पत्र

 

Indian Railway: अंबाला एशिया के दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क में अब सभी कर्मचारियों के पहचानपत्र सुरक्षा की दृष्टि से बदले जाएंगे। देशभर में सभी कर्मचारियों का एक ही रंग का पहचानपत्र होगा, जिस पर क्यूआर कोड भी अंकित किया जाएगा। कोड स्कैन करते ही कर्मचारियों की तमाम जानकारियां सामने होंगी। 

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद ही रेलवे ने यह फैसला लिया अब एक जोन का पहचानपत्र अलग और दूसरे जोन का अलग नहीं होगा। रेलवे में तमाम एजेंसियां कांटेक्ट पर काम करती हैं, जिनके भी पहचानपत्र जारी किए जाते हैं। ऐसे में रेलकर्मियों और कांटेक्ट पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की पहचान भी हो जाए, इसे लेकर भी दोनों के कलर में बदलाव कर दिया है। अब रेल कर्मियों का यानो तो कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मियों का आरेंज कलर का पहचानपत्र होगा।

स्कैन करते ही मिलेगी ये जानकारी:

रेलवे में अब कर्मचारी का तबादला मंडल या देश में किसी भी स्टेशन मंडल या जॉन में किया जा सकता है। अब कर्मियों की पहचान के लिए पहचानपत्र पर ही क्यूआर कोड होगा। इसमें स्कैन करने के बाद कर्मचारी का नाम, पता, उसका पद, पोस्टिंग कहां पर है, आधार कार्ड नंबर, जारी करने की तिथि, कब तक मान्य होगा, किस पद के अधिकारी द्वारा पहचानपत्र कब जारी किया है, उसका भी उल्लेख होगा। हालाकि जी कार्ड बनाया जाएगा जो 87 गुष्णा 54 एमएम साइज और प्लास्टिक का होगा। पहचानपत्र पर इंडियन रेलवे, आइडी नंबर और कर्मचारी की फोटो भी होगी। इसी पर ही उसका डिपार्टमेंट, मोबाइल नंबर और ब्लड ग्रुप भी अंकित होगा।

कांट्रेक्ट कर्मियों का होगा पुलिस सत्यापन

रेलवे ने सुरक्षा की दृष्टि से एक और बड़ा कदम उठाया है। कई बड़े प्रोजेक्टों का रेलवे सीमा में कार्य चलता रहता है। रेल पटरी हो या प्लेटफार्म अथवा रेलवे ब्रिज तमाम कार्य ठेकेदारों को अलाट किए जाते हैं। यहां तक कि माल ढुलाई के लिए रेलवे डिब्बे तक लीज पर दिए हैं, जिसमें प्राइवेट लेबर कार्य करती है।माल चढ़ाना या उतारना सारा काम प्राइवेट लेबर के हाथ में होता है। इनमें से अधिकांश लोगों का पुलिस सत्यापन नहीं होता लेकिन अब रेलवे ने आदेश जारी कर दिए है कि कांट्रेक्ट कर्मी का सत्यापन होगा। उनके भी पहचानपत्र जारी होगा, जिसका रंग आरेज होगा और तमाम जानकारियां क्यूआर कोड में होंगी।

प्राइवेट लेवर के अनाधिकृत प्रवेश पर चिंता जता चुका रेलवे

रेलवे में लगेज पोर्टर के पद धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे है। इन कर्मचारियों की भर्ती भी नहीं हो पा रहीं। ऐसे में रेलवे स्टेशनों पर पार्सल चढ़ाने का कार्य हो या फिर अन्य कार्य हो, इसके लिए अनाधिकृत लेबर प्रवेश कर कार्य कर रही है। रेल अधिकारियों ने इसको लेकर हाल ही में चिता जताते हुए अंबाला मंडल से आदेश जारी किए थे। 

रेलवे की मजबूरी है कि लगेज पोर्टर हैं नहीं और अवैध रूप से स्टेशन पर आने वाली लेबर से काम करवाना पड़ता है। इस लेबर की भी पुलिस सत्यापन नहीं होता। ना ही अवैध रूप से स्टेशन पर आकर पार्सल लोड करने वाले इन कर्मचारियों को कार्ड जारी किया जाता है। रेलवे ने पहचानपत्र को लेकर फैसला तो कर लिया लेकिन अवैध रूप से प्रवेश करने वाली लेबर को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई।