New Rapid Rail : दिल्ली से हरियाणा होते हुए राजस्थान तक बनेगा 197 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम
गुरुग्राम में केंद्रीय मंत्री मोहनलाल ने की घोषणा, जल्द ही काम होगा शुरू
दिल्ली सराय काले खां से हरियाण होते हुए राजस्थान के अलवर तक 197 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। मेट्रो भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए गुड़गांव पहुंचे केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट से यह स्वीकृति मिलने जा रही है। इसके बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। आने वाले वर्षों में यहां नमो भारत नाम से मेट्रो दौड़नी शुरू हो जाएगी।
रेवाड़ी के लिए अपने आप में प्रोजेक्ट बेहद खास है। क्योंकि गुपचुप तरीके से इसके प्रथम चरण में कटौती कर दी गई थी। घोषणा से ही प्लान है कि इस कॉरिडोर का प्रथम चरण सराय काले खां से गुड़गांव, धारूहेड़ा, बावल होते हुए एनएनबी (शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड़) तक होगा। इसके बाद 2 चरणों में आगे विस्तार होगा।
सालभर पहले प्लान में कटौती करते हुए इसे धारूहेड़ा तक ही समेटने की तैयार कर ली गई। लेकिन रेवाड़ी के उद्योगपतियों व सामाजिक संगठनों ने इसके लिए व्यापक अभियान चलाया। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व राव इंद्रजीत सिंह से भी मिले। इस पर राव ने भी प्रयास किए। आखिर सरकार को इसका पहला चरण फिर से एसएनबी तक करना पड़ा है। इसकी पुष्टि मनोहर लाल ने शुक्रवार को गुड़गांव में भी की।
चरणों में पूरा होगा काम
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा योजना को 3 चरणों में विकसित किया जाना है। पहले चरण में दिल्ली- गुरुग्राम- एसए नबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक यानी 106 किलोमीटर कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला तक 33 किलोमीटर तक ट्रैक बिछेगा। प्रोजेक्ट के तीसरे और अंतिम चरण में एसएनबी से अलवर तक 58 किलोमीटर तक का विस्तार किया जाएगा।
2024 में हो चुकी मिट्टी की जांच, बिजली टावर शिफ्ट
आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित करने के लिए मिट्टी की जांच का काम वर्ष 2024 में पूरा किया जा चुका है। बिजली के टावर तक शिफ्ट किए जा चुके हैं। धारूहेड़ा-बावल क्षेत्र में भी बिजली लाइन शिफ्टिंग का काम हुआ। इसके अलावा सीवर और टेलीफोन लाइनों को भी चिन्हित किया जा चुका है कि कहां से गुजर रही हैं। हालांकि, यह प्रोजेक्ट ही वर्षों से पेंडिंग है। कॉरिडोर पर 160 किलोमीटर तक की रफ्तार से नमो भारत ट्रेनें चलेंगी। औसतन गति 100 किमी. प्रति घंटा होगी। कॉरिडोर पर कुल 19 स्टेशन संभावित हैं।
दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के साथ बनना था, वहां काम पूरा होने को
दिल्ली-गुरुग्राम रेवाड़ी- शाहजहांपुर आरआरटीएस का निर्माण दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस के साथ मंजूर हुआ था। लेकिन इस पर काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। जबकि। दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस का निर्माण कार्य पूरा होने के अंतिम चरण में है। हाल ही में केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने केंद्रीय मंत्री खट्टर को भी इस बारे में पत्र लिखा।
इसमें कहा कि योजना थी कि प्रधानमंत्री एम्स का शिलान्यास करने रेवाड़ी आए थे तब ही इस योजना का भी शिलान्यास हो जाता लेकिन तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। अभी इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलनी है। राव इंद्रजीत ने पत्र में मांग रखी कि कैबिनेट की मंजूरी मिलनी चाहिए। अब मनोहर लाल की ओर से जल्द मंजूरी लेकर काम शुरू कराने का आश्वासन दिया है।