Hightech Military Yard : रेलवे हरियाणा में 124 करोड़ से बनाएगा हाईटेक मिलिट्री यार्ड, छह नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी
भारतीय सेना के स्पेशल सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है, ताकि सेना को अपनी गतिविधियां करने के लिए कोई दिक्कत नहीं हो। इसी कड़ी में हरियाणा में सेना ने हाईटेक मिलिट्री यार्ड बनाने का फैसला लिया है। यह हाईटेक मिलिट्री यार्ड हिसार के सातरोड रेलवे स्टेशन पर बनाया जाएगा।
करीब 124 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। यह यार्ड देश की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। इसकी खासियत यह होगी कि इमरजेंसी के समय में सेना के जवान यहां से सीधे देश के किसी भी कोने में ट्रेन के जरिए रवाना सकेंगे।
इससे सेना की मूवमेंट क्षमता में कई गुना इजाफा होगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया इसकी प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई है। इसके लिए रेलवे की ओर से टेंडर लगाया जाएगा।
टेंडर लगाने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया यह मिलिट्री यार्ड पूरी तरह से ऑटोमेटिक सिस्टम से लैस होगा। इसमें गाड़ियों (मिलिट्री व्हीकल्स) को चढ़ाने-उतारने और सामान की लोडिंग- अनलोडिंग के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
इससे समय की बचत के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी। मिलिट्री यार्ड के लिए इंजीनियरों की टीम ने प्रपोजल बनाकर रेलवे मुख्यालय भेजा है। अनुमति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
छह लाइनें बनाई जाएंगी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मिलिट्री यार्ड में कुल 6 लाइनें बनाई जाएंगी। इनका इस्तेमाल सिर्फ मिलिट्री के लिए होगा। आम यात्री या अन्य कोई ट्रेन यहां से नहीं गुजरेगी। सेना के विशेष ट्रेन सेटअप के लिए इन लाइनों पर बड़े-बड़े रैंप और लोडिंग प्लेटफॉर्म तैयार होंगे।
यहां ट्रेनों को तेजी से तैयार कर रवाना करने के लिए डिजिटल कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। उन्होंने बताया सातरोड रेलवे स्टेशन के पास आर्मी पहले से ही मौजूद है। इमरजेंसी में सेना को तुरंत बॉर्डर पर भेजने में यह यार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा फायदा
मिलिट्री यार्ड के निर्माण और संचालन से सातरोड व आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। निर्माण कार्य में बड़ी संख्या में मजदूर, इंजीनियर और टेक्निकल स्टाफ लगेगा, जबकि संचालन के दौरान रेलवे और मिलिट्री से जुड़े कर्मचारियों की तैनाती होगी।
ऑटोमेटिक सिस्टम से मिनटों में सामान लोड होगा
सेना के बड़े वाहन, टैंक, तोप या भारी मशीनरी को ट्रेनों में लोड करने के लिए अब मैन्युअल तरीके पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यहां ऑटोमेटिक सिस्टम से मिनटों में गाड़ियों और सामान को ट्रेन में चढ़ाया-उतारा जा सकेगा। यार्ड में अत्याधुनिक क्रेन, हाईड्रोलिक लोडिंग सिस्टम और ट्रैकसाइड प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे।
बीकानेर मंडल सीनियर डीसीएम भूपेश यादव ने बताया कि मिलिट्री यार्ड का निर्माण होने से सैनिकों को काफी फायदा मिलेगा। इसके साथ ही यार्ड से सामान लाने व ले जाने में काफी आसानी मिलेगी। इसके लिए जल्द ही प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी ताकि जल्द से जल्द फायदा मिल सके।