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राजस्थान में 1915 करोड़ से बदलेगी सूरत, 104 किमी लंबा बनेगा रामजल सेतु

ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी लाने की महत्वाकांक्षी 'रामजल सेतु परियोजना' के तहत सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हैदराबाद की जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड की तकनीकी टीम ने 104 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के लिए पट्टी सर्वेक्षण (स्ट्रिप सर्वे) का कार्य पूरा कर लिया है।
 

लंबे इंतजार के बाद रामगढ़ बांध को फिर से लबालब करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी लाने की महत्वाकांक्षी 'रामजल सेतु परियोजना' के तहत सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हैदराबाद की जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड की तकनीकी टीम ने 104 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के लिए पट्टी सर्वेक्षण (स्ट्रिप सर्वे) का कार्य पूरा कर लिया है।

शुक्रवार को सुपरवाइजर शिवा कांत ओझा के नेतृत्व में टीम ने ईसरदा से रामगढ़ तक स्थल निरीक्षण कर तकनीकी आकलन किया। ओझा ने बताया कि लगभग 3,000 एमएम व्यास की पाइपलाइन को तीन मीटर गहराई में बिछाया जाएगा। जल प्रवाह बनाए रखने के लिए दो स्थानों पर पंप हाउस (पंपिंग स्टेशन) बनाए जाएंगे, जिनका स्थान शीघ्र तय किया जाएगा। अब कंपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। परियोजना के तहत लगभग 80 से 85 किलोमीटर क्षेत्र में पाइपलाइन और करीब 20 किलोमीटर में दो नहरें बनाई जाएंगी। परियोजना को तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

रामगढ़ पुनर्जीवन में भूमिका अहम
5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 'रामगढ़ बांध जीर्णोद्धार कार्यक्रम' का शुभारंभ किया था। इसके बाद दो माह से अधिक समय तक श्रमदान अभियान चलाकर बांध की मुख्य पाल की खुदाई और सफाई की गई, जिससे बांध का स्वरूप निखर कर सामने आया।

ईसरदा से रामगढ़ तक स्ट्रिप सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। 104 किमी लंबी पाइपलाइन और 20 किमी नहरें इस परियोजना का हिस्सा हैं। तीन हजार एमएम पाइपलाइन से जल्द ही जीवनदायी जल रामगढ़ बांध तक पहुंचेगा। शिवा कांत ओझा, सुपरवाइजर, जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड