Air Services in Rajasthan : बीकानेर, जोधपुर, किशनगढ़ से महानगरों के लिए सीधी उड़ान का प्रस्ताव केंद्र को भेजा!
RNE Jaipur-Rajasthan.
राजस्थानवासियों के लिए हवाई सेवाओं से जुड़ी बड़ी खुशखबर है। यहां के कई शहरों में हवाई सेवाओं का विस्तार करने के साथ इन्हें मुंबई, कोलकाता, सूरत, बेंगलुरु जैसे महानगरों से सीधा जोड़ा जाएगा। बीएल सूची में बीकानेर, जोधपुर, किशनगढ़ शहर शामिल है। इसके साथ ही जिन श्रीगंगानगर, माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) में शामिल कर यहां से हवाई सेवाएं शुरू की जाएगी। इसके लिए बकायदा राजस्थान सरकार की ओर से केंद्र को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं राजस्थान में अब हेलिकॉप्टर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए हेलिपेड की संख्या में भी इजाफा किया जा रहा है।
राजस्थान के उड्डयन मंत्री दक ने बताई ये बात :
राजस्थान के नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने देहरादून में आयोजित उत्तरी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। दक ने देहरादून में आयोजित मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जिसके दृष्टिगत क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ाने संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नये द्वार खुलेंगे। साथ ही, बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।
इसलिए हैं संभावनाएं :
नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं, जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे- फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयर स्पोर्ट्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन किया गया है। साथ ही, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) में भी विशेष प्रावधान किये गए हैं। श्री दक ने बताया कि किशनगढ़ में एक एफटीओ कार्यरत है, भीलवाड़ा में अगस्त, 2025 से नया एफटीओ शुरू होगा। निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है।
हेलिकोप्टर सेवाओं में होगा विस्तार :
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाओं के क्षेत्र में भी राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं। राज्य में लगभग 118 हैलीपेड हैं। राज्य सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा चिकित्सा सहायता एवं इमरजेंसी रेस्पॉंंन्स के लिए भी अतिरिक्त हैलीपेड का निर्माण प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि राज्य में हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड जैसी सेवाओं की योजना प्रस्तावित है। साथ ही, हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा की व्यवस्था पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यावहारिक ऑपरेशनल मॉडल के विकास एवं मानक प्रक्रियाओं के निर्धारण में केन्द्र सरकार से सहयोग अपेक्षित है।
क्या राजस्थान में उड़ सकते हैं सी-प्लेन :
दक ने कहा कि राज्य के कुछ जिले जैसे उदयपुर, कोटा (चम्बल), बांसवाड़ा, टोंक (बीसलपुर) आदि सी-प्लेन सेवाओं के लिए संभावनाशील हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से इन स्थलों की व्यवहार्यता का अध्ययन करवाये जाने तथा सी-प्लेन संचालन के लिए इन स्थलों को आरसीएस योजना के अंतर्गत शामिल किए जाने का अनुरोध किया। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में नागरिक उड्डयन नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत हम पूरे क्षेत्र का सुनियोजित और सतत विकास करना चाहते हैं। उन्होंने इस कार्य में केन्द्र सरकार से वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और नीतिगत सहयोग की अपेक्षा की।
राजस्थान सरकार ने उठाए ये कदम :
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय हवाई संपर्क (आरसीएस) उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण तथा किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही, उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है।