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खुशखबरी : ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार, बीकानेर-बठिंडा रेल मार्ग पर 324 किमी के दोहरीकरण को मिली मंजूरी

 

Rajasthan news: राजस्थान के श्रीगंगानगर के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। जिले के लोगों को अब ट्रेनों की लेट लतीफी से छुटकारा मिलने वाला है। रेलवे के द्वारा बीकानेर से भटिंडा के बीच 324 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के दूरी कारण की योजना को मंजूरी दे दी गई है।

 आपको बता दे यह परियोजना राजस्थान के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों की देरी की समस्या खत्म हो जाएगी। इससे सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट को भी काफी ज्यादा राहत मिलेगा। कई बार ऐसा होता है कि कोयलों से लदी माल गाड़ियों को ट्रैक खाली नहीं होने की वजह से लंबे समय इंतजार करना पड़ता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

परियोजना का विवरण


क्या ह दोहरीकरण का उद्देश्य


    सिंगल ट्रैक के कारण ट्रेन संचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करना। मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों के लिए अलग ट्रैक उपलब्ध कराना।नई ट्रेनों के संचालन की संभावनाएं बढ़ाना

इस परियोजना पर लगभग 4500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।रेलवे बोर्ड ने इसे गतिशक्ति यूनिट को सौंपा है। अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) के आदेश जारी हो चुके हैं, जिससे काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

 हर दिन थर्मल प्लांट तक पहुंचने वाली 10 कोल रैक मालगाड़ियों को अब ट्रैक खाली होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।समय पर कोयले की आपूर्ति से उत्पादन सुचारु रहेगा।


 बठिंडा-लालगढ़ खंड पर नई रेल लाइन पुरानी लाइन के समांतर बिछाई जाएगी।इस खंड पर 11.08 किमी नई लाइन के लिए पहले ही 278.73 करोड़ का बजट जारी किया जा चुका है।

यात्रियों और व्यापारियों को होगा फायदा


 सिंगल ट्रैक की वजह से मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों को साझा ट्रैक पर चलना पड़ता था, जिससे ट्रेनों की लेटलतीफी बढ़ जाती थी। डबल ट्रैक बनने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। नई ट्रेनों के संचालन के साथ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यह रेल मार्ग कांडला पोर्ट से पंजाब और दिल्ली तक माल ढुलाई का मुख्य मार्ग है। दोहरीकरण से मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी और व्यापार में तेजी आएगी।