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राजस्थान: सोलर के लिये कट रही खेजड़ियां बचाने सीएम से मिला बिश्नोई समाज, जल्द बनेगा सख्त कानून!

 

RNE Network.

राजस्थान में सोलर ऊर्जा के कारण लगातार खेजड़ियां काटने और नए प्रोजेक्ट मंजूर होने के साथ ही खेजड़ी व वन्यजीवन के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को देखते हुए बिश्नोई समाज का प्रतिनिधि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिला। उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री श्री कृष्ण कुमार के.के. विश्नोई,नोखा से पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई, स्वामी भागीरथ दास जी शास्त्री, आचार्य संत गोरधनराम जी, महंत स्वामी भगवानदास जी, कृपाचार्य जी महाराज, भागीरथदास जी महाराज, स्वामी सदानंद जी, स्वामी ओंकारानंद जी, स्वामी श्यामदास जी आदि इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।
 

बिशनोई समाज का प्रतिनिधियों, साधु-संतों ने खेजड़ी और वन्यजीव संरक्षण की जरूरत बताई। सीएम भजनलाल ने कहा कि पेड़ों, वन्यजीवों को बचाने के लिए सरकार जल्द कानून बनाने जा रही है। इसके साथ ही पुराने अधिनियमों में संशोधन कर पर्यावरण एवं वन्य संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
 

बिश्नोई समाज के योगदान को सराहा : 
 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पेड़ों की रक्षा के लिए मां अमृता देवी सहित 363 लोगों ने बलिदान दिया। विश्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा त्याग कहीं और देखने को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि खेजड़ी सिर्फ वृ़क्ष नहीं बल्कि औषधि भी है। कैर, सांगरी राजस्थान की पहचान है।
 

इतने पेड़ लगाए : 
 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियालो राजस्थान के तहत 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में पिछले वर्ष 7.5 करोड़ एवं इस वर्ष लगभग 11 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। साथ ही, वन मित्र भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने नीतिगत निर्णय लिए हैं तथा आवश्यकता होने पर नियमों में उचित प्रावधान भी किए जाएंगे।
 

जापानी मियावाकी वृक्षारोपण तकनीक अपनाने का सुझाव : 
 

मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित इस संवाद में विश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में पौधारोपण के लिए जापानी मियावाकी वृक्षारोपण तकनीक अपनाने एवं विकास परियोजनाओं में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान करने के संबंध में सुझावपत्र दिए।