Food Testing Lab : राजस्थान के इस शहर में बनेगी फूड टेस्टिंग लैब, मेडिकल कालेज ने दी हरी झंडी
जिले में खाद्य विभाग की ओर से लिए जाने वाले सैंपल जांच के लिए जालोर या जोधपुर भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट आने में करीब 15 से 20 दिन का समय लग जाता है। तब तक कई बार संदिग्ध खाद्य सामग्री की बिक्री तक हो चुकी होती है, लेकिन अब इस समस्या से निजात मिलने वाली है। अब सिरोही में ही फूड टेस्टिंग लैब निर्माण की जाएगी।
इसके लिए सरकार ने 1.25 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। टेस्टिंग लैब सिरोही के मेडिकल कॉलेज परिसर में बनाया जाना प्रस्तावित है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन से हरी झंडी मिलते ही इसकी आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद एक से डेढ़ वर्ष में फूड टेस्टिंग लैब बनकर तैयार हो जाएगी। जिससे सैंपलों को जांच के लिए अन्यत्र भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
त्योहारी सीजन निकलने के बाद आती जांच रिपोर्ट
जिले में हर साल त्योहारी सीजन में विभिन्न खाद्य पदार्थों के करीब 200 के आसपास सैंपल लिए जाते हैं। सिरोही जिले में फूड टेस्टिंग लैब नहीं होने से लिए गए सैंपल जोधपुर व जालोर की लैब में भेजने पड़ते हैं। जहां से जांच होकर रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन का समय लगता है।
तब तक कुछ खाद्य पदार्थों की बिक्री तक हो जाती है और कई बार तो त्योहार सीजन निकलने के बाद रिपोर्ट आती है। जिले में लैब स्थापित होने के बाद जांच रिपोर्ट समय पर मिल सकेगी और कार्रवाई में भी तेजी आएगी। इसके साथ ही लैब बनने से सिरोही और आसपास के लोगों को फूड टेस्टिंग की सुविधा मिल सकेगी।
सिरोही सीएमएचओ डा. दिनेश खराड़ी ने कहा कि सिरोही में फूड टेस्टिंग लैब निर्माण के लिए 1.25 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। लैब मेडिकल कॉलेज परिसर में बनाया जाना प्रस्तावित है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी। आगामी एक से डेढ साल में फूड टेस्टिंग लैब तैयार हो सकेगी। यहां पर लैब बनाने के बाद खाद्य पदार्थों के सैंपलों की रिपोर्ट शीघ्र जाएगी और आमजन को राहत भी मिलेगी।
सैंपल का होगा जल्दी निस्तारण
अभी सैपल लेकर जोधपुर व जालोर की लैब में भेजने पड़ रहे हैं। वहां से जांच रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन का समय लगता है। सिरोही में लैब बनाने के बाद सैपल की रिपोर्ट शीघ्र ही मिल जाएगी। जिससे फेल सैपलों का शीघ्र ही निस्तारण हो सकेगा।