Grain Market Extension : राजस्थान की इस अनाज मंडी के विस्तार के लिए 96 हेक्टेयर भूमि होगी अधिग्रहण
राजस्थान सरकार द्वारा मंडियों का लगातार विस्तार किया जा रहा है, ताकि किसानों की फसल बिकने में परेशानी नहीं हो। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा कोटा की भामाशाह मंडी की विस्तार की योजना बनाई है। इस मंडी के विस्तार के बाद राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होने वाला है। भामाशाह मंडी के विस्तार के लिए 96 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इस विस्तार के बाद मंडी का सालाना टर्नओवर 8,000 करोड़ से बढ़कर 50,000 करोड़ होने की उमीद है, जिससे कोटा देश का सबसे बड़ा एग्रो-बिजनेस हब बन जाएगा। इस विस्तार के लिए वन भूमि के डायवर्जन का मामला केंद्रीय सशक्त समिति (सीईसी) के समक्ष विचाराधीन है, और जल्द ही साइट का मुआयना होने की उमीद है।
भामाशाहमंडी का विस्तार होने के बाद किसानों को कृषि जिन्सों के विपणन की बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला किसानों के हित में भामाशाहमंडी के विस्तार के लिए सतत रूप से प्रयासरत हैं। सीईसी को राज्य सरकार ने मंडी विस्तार के लिए अपना पक्ष रख दिया है और कमेटी कोटा आकर मंडी विस्तार के लिए वन भूमि जो अवाप्त की जाएगी, उसका निरीक्षण करेगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसलिए जरूरी है विस्तार
मुख्य सीजन में फसल की अधिक आवक होने के कारण भामाशाह मंडी छोटी पड़ जाती है। इस कारण किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए कई दिनों तक मंडी के बाहर खड़ा रहना पड़ता है। इससे किसानों को खासी परेशानी होती है। अचानक बारिश होने से खुले में अनाज के ढेर भीग जाते हैं। इसलिए मंडी के विस्तार की अर्से से मांग उठ रही है।
यूं होगा विस्तार
मंडी विस्तार होने के बाद मंडी परिसर में ही रेलवे यार्ड और माल गोदाम बनाए जाएंगे ताकि मंडी में कृषि जिंसों को परिसर में ही स्टोर किया जा सके और यहीं मालगाड़ी में लदान कर बाहर भेजा जा सके।
मध्यप्रदेश से भी आता है माल
भामाशाह मंडी में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर होने तथा प्रदेश की अन्य मंडियों के मुकाबले यहां किसानों को जिन्स का दाम ज्यादा मिलने के कारण माल की आवक बढ़ रही है। यहां कुल माल की आवक का तीस फीसदी माल मध्यप्रदेश से आ रहा है। मंडी प्रशासन ने आगामी 40 साल की सभावनाओं को देखते हुए विस्तार के लिए 74 की बजाय 96 हेक्टेयर जमीन स्थानांतरण का प्रस्ताव तैयार कर वन विभाग को भेजा था। मंडी विस्तार होने के बाद मंडी में कृषि जिंसों की आवक भी दोगुनी से ज्यादा बढ़ जाएगी और जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी।
भामाशाहमंडी का विस्तार करवाना हमारी प्रथम प्राथमिकता है। मंडी का विस्तार कोटा की अर्थव्यवस्था के लिए बूस्टर डोज साबित होगा। इससे एग्रोबेस और प्रोसेसिंग आधारित बड़ी संया में उद्योग लगने की राहत खुलेगी। इससे कोटा फूड प्रोसेसिंग के सेक्टर में राजस्थान का बड़ा हब बना जाएगा। भारत माला परियोजना में दिल्ली-मुबई एटलैस में ट्रैफिक चालू होने के बाद कारोबार कई गुणा बढ़ जाएगा।