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लक्ष्मी पुरोहित हत्याकांड में आया फैसला, हत्यारे समीर को उम्रकैद की सजा सुनाई

 

RNE Bikaner.

बीकानेर के बहुचर्चित लक्ष्मी पुरोहित हत्याकांड में हत्यारे समीर खान को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। दो साल पुराने मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। लक्ष्मीदेवी के पति की ओर से पैरवी करने वाले अधिवकाओं के पैनल में शामिल एडवोकेट अशोक प्रजापत ने यह जानकारी दी।

प्रजापत ने बताया कि कोर्ट ने आज लक्ष्मीदेवी की नृशंस हत्या के आरोपी समीर खान को अपराधी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

साले की होली निवासी लक्ष्मी को RCP कॉलोनी में सुनसान जगह ले जाकर गला काट दिया :

बीकानेर में साले की होली चौक निवासी लक्ष्मीदेवी पुरोहित दो साल पहले घर से मंदिर जाने का कहकर निकली थी।

वापस नहीं आई तो घरवालों ने तलाश की। बाद में आरसीपी कॉलोनी के सुनसान इलाके में एक महिला का शव मिला जिसकी गर्दन को धारदार हथियार से काटा गया था। इसके फोटो सामने आने के बाद लक्ष्मी एक पति राजेश पुरोहित ने उसे पहचाना था। इसके साथ ही राजेश ने अपने पूर्व ड्राइवर समीर खान पर हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस जांच में समीर खान ने स्वीकार कर लिए कि उसने ही लक्ष्मी की हत्या की थी। मामले में लक्ष्मीदेवी के पति राजेश पुरोहित की ओर से पैरवी एडवोकेट संजय रामावत, एडवोकेट अशोक प्रजापत,  योगेश रामावत, वेद प्रकाश, इरशाद, अंजुम आदि ने की।

ब्यूटी पार्लर चलाती थी लक्ष्मी, समीर था ड्राइवर :

लक्ष्मी पुरोहित साले की होली चौक में रहकर ब्यूटी पार्लर चलाती थी। पति राजेश पुरोहित शिक्षा विभाग में सरकारी कर्मचारी हैं। राजेश पुरोहित ने अल्टो कार खरीदी थी। मुक्ता नगर सेक्टर-3 में रहने वाले समीर खान को उन्होंने अपना ड्राइवर रखा था। समीर की शिकायतें आने लगी। वह लक्ष्मी को परेशान करने लगा था। उसे समझाया भी लेकिन माना नहीं।

आखिर नौकरी से हटा दिया। इसके बाद भी वह घर आता-जाता रहता था। नौकरी से निकाले जाने के बाद वह कई बार फोन पर धमकी देता था कि तेरी पत्नी को उठाकर ले जाऊंगा। घटना से कुछ दिनों पहले भी उसने राजेश और उसकी पत्नी लक्ष्मी को फोन कर धमकी दी थी। कह रहा था कि लक्ष्मी को उठाकर ले जाऊंगा।

घर से मंदिर का कहकर गई थी लक्ष्मी :

लक्ष्मी अपने घर से गणेश और माता जी के मंदिर जाने का कहकर घर से निकली थी। काफी देर नहीं आई तो चिंता बढ़ने लगी। इसके बाद उसे कॉल किया तो फोन स्विचऑफ था।

समीर की दी हुई धमकी जेहन में आई तो उसे कॉल किया लेकिन उसका फोन नेटवर्क में नहीं था।

उरमूल सर्किल बुलाया, आरसीपी कॉलोनी ले गया, गर्दन काटकर मार डाला :

पुलिस को जांच में पता चला कि समीर ने लक्ष्मी को फोन कर उरमूल सर्किल बुलाया था। यहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। उरमूल सर्किल के बाद लक्ष्मी को सुनसान आरसीपी कॉलोनी में ले गया था। बताया जाता है कि  वह लक्ष्मी पर पति-बच्चों को छोडने और उससे शादी करने का दबाव बना रहा था। माना जाता है कि इसी पर दोनों में बहस हुई होगी।तैश में आकर समीर ने लक्ष्मी का गला इतना बुरी तरह से काट दिया कि गले में 2 इंच तक का घाव हो गया। खून से सनी लक्ष्मी को वहीं छोड़कर भाग गया।

खुद के हाथ की भी नस काटी :

लक्ष्मी को मारने के बाद भागे समीर खान ने अपने हाथ की नस पर कट लगाया। रात को खुद ही पीबीएम हॉस्पिटल पहुंचा। पुलिस वहां पहुंची तो समीर ने झूठी कहानी बनाई। बताया कि वह ट्रेन से कट गया था। जब पुलिस ने ट्रेन एक्सीडेंट का रिकॉर्ड खंगाला तो ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। समीर के हाथ और सिर में चोट लगी थी। तत्कालीन थानाधिकारी महेंद्र दत्त शर्मा ने समीर खान को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरी घटना बयां कर दी।

नागौर में पार्षद रही थी लक्ष्मी :

हालांकि लक्ष्मी का पीहर बीकानेर के हर्षों का चौक में है लेकिन ससुराल मूल रूप से नागौर है। जब वह अपने ससुराल नागौर रहती थी तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर पार्षद भी बनी थी।