New Project : केंद्र सरकार के नए प्रोजेक्ट से राजस्थान के इस क्षेत्र की प्रॉपर्टी बन जाएगी सोना, लाखों को मिलेगा रोजगार
केंद्र सरकार के नए प्रोजेक्ट से राजस्थान के काफी क्षेत्र की किस्मत खुलने वाली है। जहां पर प्रॉपर्टी के रेट आसमान को छुने वाले है, वहीं रोजगार के नए अवसर खुल जाएंगे। रोहट-मारवाड़ बेल्ट में डीएमआईसी प्रोजेक्ट की बदौलत अगले 5-10 साल में पाली की सबसे बड़ी रोजगार अर्थव्यवस्था खड़ी होने वाली जोधपुर-पाली-मारवाड़ है। इंडस्ट्रियल एरिया (जेपीएमआईए) को राजस्थान का सबसे तेज विकसित होने वाला इंडस्ट्रियल नोड माना जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के बल पर इन शहरों की जमीन के रेट कई गुना बढ़ने वाले है और प्रॉपर्टी मालिकों को करोड़पति की श्रेणी में लाने वाले है। जहां पर इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होंगी, वहीं रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंस्ट्रक्शन फेज से 10-15 हजार, इंडस्ट्री शुरू होने से 50-75 हजार सीधी नौकरी, 1 से 1.5 लाख तक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे।
यानी 2035 तक कुल मिलाकर 1.5 से 2.25 लाख के रोजगार मिलने की संभावना है। बड़ी बात यह है कि पिछले 20 वर्षों में पाली में नौकरी का पैटर्न तीन सेक्टरों टेक्सटाइल व ट्रांसपोर्ट तक सीमित रहा। यह प्रोजेक्ट इस पूरे पैटर्न को बदल देगा। पाली की सर्विस इकोनॉमी 8-10 गुना तक बढ़ेगी। सीरीज की दूसरी रिपोर्ट में हम बता रहे हैं कि ये सब बनने के बाद पाली में रोजगार कहां से आएंगे? कौन-कौन से उद्योग आएंगे? कितने रोजगार पैदा होंगे और स्थानीय लोगों को कैसे फायदा मिलेगा ?्र
इन क्षेत्र पर पड़ेगा सीधा असर
इंजीनियरिंग व मशीनिंग: स्टील फैब्रिकेशन, ऑटो पार्ट्स, सीएनसी आधारित यूनिट्स, मशीन रिपेयरिंग क्लस्टर। रेलवे डबल लाइन+220 केवी जीएसएस गैस लाइन से कम लागत वाला इंडस्ट्रियल कॉम्बो बनेगा। इससे 12-15 हजार रोजगार बनेंगे। तकनीकी, मशीनिंग, ऑपरेशन, सुपरविजन क्षेत्र में।
गैस और पानी से मॉडर्न प्रोसेसिंग
54 एमएलडी पानी पाइप्ड गैस से कम लागत वाली मॉडर्न प्रोसेसिंग यूनिट्स लगेगी। जिससे प्रोसेस, ऑपरेटर, ड्राइंग व पैकिंग आदि में 15 से 18 हजार रोजगार पैदा होंगे। सिरेमिक और बिल्डिंग मटीरियल गैस लाइन व एनएच-62 कनेक्टिविटी से मारवाड़ जंक्शन से रेल क्षेत्र में 6-8 हजार रोजगार।
आधे से ज्यादा रोजगार स्थानीय को मिलेंगे
11 बड़े व्यापार जिनकी कमाई सीधे बढ़ेगी। मिनी ट्रक, ट्रांसपोर्ट, मशीन रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल पार्ट्स, पैकिंग-लेबलिंग, छोटा वेयरहाउस, किराये के कमरे, पीजी, होटल-ढाबे, मेडिकल-किराना, ऑटोमोबाइल सर्विस, स्कूल-कोचिंग, जॉब ट्रेनिंग संस्थान को लाभ होगा। उद्योगों को 60-70% स्थानीय लोगों को लेना अनिवार्य है। 30-40% तकनीकी व स्किल्ड स्टाफ बाहर से हो सकता है।
लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग दिल्ली-मुंबई रूट के बीच, एनएच-62 व वीयूपी के काम से 20-25 हजार रोजगार की इंडस्ट्री तैयार होगी। फूड प्रोसेसिंग और एग्री बेस्ड यूनिट्स पाली-जोधपुर- सोजत का कृषि बेल्ट व कोल्ड चेन और वेयरहाउस बनने से 5-7 हजार रोजगार।
फैब्रिकेशन से पावर कट लगभग खत्म होगा और इंडस्ट्रियल क्वालिटी पावर मिलेगा। इस फिल्ड में भी 4-6 हजार रोजगार। फेज-ए की प्लॉटिंग से छोटे उद्यम 100-200 यूनिट में बदलेंगे। इनमें भी 15-20 हजार रोजगार बनेंगे।
पाली के परिवारों पर क्या असर पड़ेगा?
पाली से जयपुर, अहमदाबाद, सूरत नौकरी के लिए जाने का ट्रेंड उलट जाएगा। मिडिल क्लास संख्या बढ़ेगी। बाजार का आकार दोगुना होगा। नए स्कूल, हॉस्पिटल, हाउसिंग, सुपरमार्केट खुलेंगे। जमीन, दुकान व रेंटल वैल्यू बढ़ेगी। जहां-जहां यह प्रोजेक्ट हुए, वहां प्रॉपर्टी 3 से 5 साल में 2-3 गुना होने का ट्रेंड रहा है। शहर का ट्रैफिक पैटर्न बदलेगा। एनएच-62, रोहट जंक्शन व पाली-मारवाड़ रोड तीनों पर ट्रैफिक दबाव बढ़ेगा।