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Power Crisis :राजस्थान में गहराएगा बिजली का संकट, जरुरत से छह करोड़ यूनिट कम बिजली 

राजस्थान में बिजली संकट के बादल छाने वाले हैं। जहां पिछले साल की तुलना में वर्तमान में बिजली का 4 करोड़ यूनिट उत्पादन कम है, वहीं अगले माह रबी सीजन के चलते 2 करोड़ यूनिट खपत बढ़ेगी।
 

Rajasthan power cut : राजस्थान में बिजली संकट के बादल छाने वाले हैं। जहां पिछले साल की तुलना में वर्तमान में बिजली का 4 करोड़ यूनिट उत्पादन कम है, वहीं अगले माह रबी सीजन के चलते 2 करोड़ यूनिट खपत बढ़ेगी। ऐसे में अगले माह जरूरत से 6 करोड़ यूनिट बिजली कम है। ऐसे में विद्युत निगमों की ओर से बिजली खरीद के प्रबंधन करने होंगे। समय रहते बंदोबस्त नहीं हुए तो जहां बिजली महंगी पड़ेगी, वहीं रबी सिंचाई में किसानों को संकट का सामना करना पड़ सकता है।

प्रदेश में रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं अगले माह से सिंचाई का दौर शुरू होगा, जो तीन माह तक रहेगा। प्रदेश में नहर और नदियों की कमी के कारण किसान ट्यूबवेल और मोटर पप पर निर्भर रहते हैं, जो बिजली पर आधारित है। ऐसे में दिसंबर में बिजली खपत में बढ़ोतरी हो जाएगी। मुय रूप से कृषि क्षेत्र में बिजली की अतिरिक्त मांग रहेगी।

इसलिए बढ़ती है बिजली खपत

कृषि सिंचाई की मांग रबी फसलों की बुआई के बाद पहली
सिंचाई दिसंबर में ही की जाती है। राज्य में लगभग 15-15 लाख कृषि बिजली कनेक्शन हैं, जो ट्यूबवेल चलाने के लिए बिजली डिमांड बढ़ती है। इससे ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ता है।
मौसमी कारक : दिसंबर-जनवरी में पीक डिमांड दोपहर और रात में होती है। ठंड से घरेलू उपभोग (हीटिंग उपकरण) भी 20-30 प्रतिशत बढ़ जाता है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों (जैसे पश्चिमी राजस्थान) में सिंचाई पर निर्भरता अधिक है।
औद्योगिक और शहरी प्रभाव बढ़ी कृषि मांग से शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में लोड शेडिंग हो सकती है, लेकिन किसानों की जरुरत का भी ध्यान रखा जाता है। बिजली की उपलब्धता नहीं होने पर किसानों को रात में बिजली देते है।


खपत में कितना फर्क प्रदेश में दिसंबर की बिजली डिमांड
सामान्य तौर पर सितंबर-अक्टूबर की तुलना में 20-30 प्रतिशत बढ़ जाती है। यह वृद्धि मुय रूप से पीक डिमांड और कुल खपत पर आधारित है।

उपलब्ध रही बिजली
3383.19 लाख यूनिट 16 नवबर 2024
3199.76 लाख यूनिट इस साल वर्तमान में
बिजली घर बंद होने से उत्पादन प्रभावित
राजस्थान परमाणु बिजली घर 1 इकाई (100 मेगावाट)
गिरल एक : 1 इकाई (125 मेगावाट: 2014 से बंद है)
गिरल दो: (125 मेगावाट: 2016 से बंद है)
धौलपुर गैस: 1 व 2 इकाई (110 110 मेगावाट)
छबडा : एक इकाई (660 मेगावाट), दो इकाई (250 मेगावाट)
कुल : 9 इकाई (1590 मेगावाट) बंद है 327.28 लाख यूनिट
अचानक खराबी से 8 इकाई (2055 मेगावाट) बंद, 307.88 लाख यूनिट

ये हैं बिजली उपभोग का गणित

3098.96 लाख यूनिट 19 नवबर 2024 को
3272.66 लाख यूनिट 19 दिसबर 2024 को
2830.38 लाख यूनिट इस साल वर्तमान खपत

उर्जा सलाहकार व पूर्व एसई इंजि. वाई. के. बोलिया के अनुसार राजस्थान ऊर्जा विकास निगम को अगले 3 माह के लिए बिजली उपभोग वृद्धि के अनुमान के अनुसार सही दरों पर अग्रिम बिजली खरीद की व्यवस्था करनी चाहिए। विद्युत उत्पादन निगम को बंद पड़े बिजली घरों व ईकाईयों को शीघ्र ही चालू करने के प्रयास करने चाहिए। इसके साथ ही वितरण निगमों को सौर ऊर्जा के अधिकतम उत्पादन व किसानों को दिन में ही बिजली देने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।