Rail Connectivity : राजस्थान से मध्यप्रदेश तक होगी ट्रिपल रेल कनेक्टिविटी, बिछेगी नई रेलवे लाइन
कोटा के साथ मध्यप्रदेश के तीनों शहरों में व्यापार और पर्यटन को पंख लगेंगे
राजस्थान से मध्यप्रदेश के लिए जल्द ही ट्रिपल रेल कनेक्टिविटी हो जाएगी। कोटा से उज्जैन, ग्वालियर और वाया झालावाड़ होकर भोपाल तक कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे कोटा के साथ मध्यप्रदेश के तीनों शहरों में व्यापार और पर्यटन को पंख लगेंगे।
कोटा से उज्जैन मार्ग से धार्मिक पर्यटन, कोटा-सीहोर-भोपाल से कनेक्टिविटी से शरबती गेहूं का व्यापार समेत पर्यटन का विकास होगा। सीहोर शरबती गेहूं का बड़ा हब है। कोटा-श्योपुर-ग्वालियर की कनेक्टिविटी मिलने से श्योपुर के लोगों को कोटा तक आने में आसानी होगी।
इससे व्यापार बढ़ेगा। कोटा-नागदा-उज्जैन रेलमार्ग को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए कोटा रेल मंडल इस मार्ग पर नमो भारत रैपिड ट्रेन (वंदे मेट्रो) चलाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। नमो भारत रैपिड ट्रेन इस मार्ग के मापदंडों के हिसाब से अनुकूल है।
घटेगी दूरी, बचेगा समय
कोटा-श्योपुर-ग्वालियर रेल लाइन में श्योपुर से ग्वालियर के बीच नैरोगेज की जगह ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जा रही है, जबकि कोटा से श्योपुर को जोड़ने के लिए सर्वे होगा। ऐसे में ग्वालियर तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और 129 किमी का सफर कम होगा। रेल लाइन वाया श्योपुर 284 किमी लंबी होगी। वर्तमान में कोटा से बीना होकर ग्वालियर जाने में करीब 8 घंटे लगते हैं, यह समय नए रूट के बाद घटकर साढ़े छह घंटे रह जाएगा। श्योपुर से ग्वालियर के बीच 190 किमी में नैरोगेज की ब्रॉडगेज लाइन का काम चल रहा है।
रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन 276 किलोमीटर लंबी है। 3,035 करोड़ की इस परियोजना के तहत रामगंजमंडी से घाटोली तक ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। राजस्थान की सीमा के नयागांव और मध्यप्रदेश के खिलचीपुर तक ट्रैक और स्टेशन का निर्माण और सुरक्षा ट्रायल हो चुका है। इस मार्ग के पूरा होते ही रामगंजमंडी, झालावाड़, खिलचीपुर, ब्यावरा, राजगढ़ और सीहोर होते हुए भोपाल तक की कनेक्टिविटी मिलेगी। नए मार्ग से वर्तमान में कोटा से भोपाल के लिए करीब 115 किमी कम सफर करना पड़ेगा।
कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने कहा कि कोटा से उज्जैन तक रैपिड ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसके अलावा कोटा से श्योपुर तक रेलवे का सर्वे पूरा हो चुका है। रामगंजमंडी-झालावाड़-भोपाल रेलमार्ग पर राजस्थान सीमा तक काम पूरा हो चुका है।