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Rajasthan's Farmer in Denmark : राजस्थान के 04 मंत्री, 09 अधिकारी, 38 किसान डेनमार्क ने देख रहे खेती-पशुपालन

मंत्री जोराराम कुमावत,ओटा राम देवासी, जवाहर सिंह बेढम, सी आर चौधरी, शासन सचिव डॉ. समित शर्मा,राजन विशाल के साथ 9 अधिकारी तथा 38 किसान-पशुपालक डेनमार्क गए दल में शामिल।
 

RNE Jaipur-Denmark.
 

डेनमार्क गए राजस्थान के किसानों एवं पशुपालकों ने डेनमार्क के आहरस में एग्रो फूड पार्क का विजिट किया इस दौरान दोनों देशों द्वारा अपने अनुभवों और जानकारियों को साझा किया गया। राजस्थान के इस दल में इस दल में पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत, पंचायती राज व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ओटा राम देवासी, पशुपालन राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, किसान आयोग के अध्यक्ष सी आर चौधरी, पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, कृषि विभाग के शासन सचिव राजन विशाल के साथ साथ कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभागों के 9 अधिकारी तथा 38 किसान और पशुपालक भी शामिल हैं।

दरअसल किसानों की क्षमता वृद्धि के लिए नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम के तहत 38 प्रगतिशील किसानों का दल मंत्रियों के नेतृत्व में इन दिनों डेनमार्क दौरे पर है। डेनमार्क में यह दल वहां कृषि और पशुपालन की नई तकनीकों और नवाचारों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहा है। 

भ्रमण के दौरान इस दल की डेनमार्क के विभिन्न संगठनो के साथ बैठकें हो रही हैं जिसमें कृषि पशुपालन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों द्वारा अपने अनुभवों और जानकारियों को साझा किया जा रहा है। 
डेनमार्क गए किसानों एवं पशुपालकों ने अपने प्रवास के दूसरे दिन डेनमार्क के आहरस में एग्रो फूड पार्क का विजिट किया। वहां उन्होंने पशुओं के उन्नत आवास एवं दूध उत्पादन में वृद्धि, दूध की गुणवत्ता एवं शेल्फ लाइफ बढ़ाने आदि की नवीन तकनीक के विषय में विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की।

बातचीत के दौरान पशुपालन मंत्री महोदय जोराराम कुमावत ने डेनमार्क की कंपनी के प्रतिनिधियों को राजस्थान में पशुपालन केे क्षेत्र मे हो रहे निरंतर विकास और वैज्ञानिक  पद्धतियों के उपयोग के विषय में विस्तार से बताया। पशुपालन राज्य मंत्री बेढम ने डेनमार्क में उपलब्ध नवीन तकनीकी का उपयोग कर राज्य की देसी नस्लों में दूध उत्पादन बढ़ाने हेतु एवं डेनमार्क की तकनीकी को राजस्थान के संदर्भ में विकसित करने हेतु कार्य किए जाने की आवश्यकता बताई।

दल ने एक ऑर्गेनिक डेयरी फार्म का भ्रमण किया जहां गायों को पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक तरीके से पाला जा रहा है तथा ऑर्गेनिक दूध का उत्पादन किया जा रहा है। यह दूध किसान कोऑपरेटिव के माध्यम से बाजार में अच्छे दामों में बेचा जाता है। भारत के किसानों ने इस पद्धति में बेहद रुचि दिखाई और इस पद्धति को प्रदेश में अपनाने की इच्छा जाहिर की।

किसानों के दल ने दौरे के पहले दिन पशुओं में नस्ल संरक्षण एवं संवर्द्धन द्वारा दूध उत्पादन बढ़ाने तथा पशुओं से संबंधित सभी डाटा को संग्रहित करने की आवश्यकता की जानकारी भी प्राप्त की।