Rajasthan Kabir Yatra : कोर्ट ने यात्रा पर रोक नहीं लगाई, लोकायन का बैनर साथ रहेगा
Sep 30, 2025, 16:06 IST
RNE NETWORK.
राजस्थान कबीर यात्रा पर छाए संकट के बादल एकबारगी टल गए हैं। न्यायालय में पहुँचे इस विवाद पर कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि आपसी विवाद से यात्रा रोकना ठीक नहीं होगा। अलबत्ता अब आयोजन में "मलंग" संस्था के साथ ही इस आयोजन को शुरू करने वाली मूल संस्था "लोकायन" का नाम भी जुड़ा रहेगा। कोर्ट ने यह व्यवस्था दोनों पक्षों की आपसी रजामंदी के साथ दी है। ऐसे में अब 01 अक्टूबर से कबीर यात्रा शुरू हो जाएगी लेकिन यह आयोजन अब लोकायन और मलंग का संयुक्त होगा।
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह चौहान ने जानकारी दी कि जिला न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने आज दावे की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की बहस को सौहार्दपूर्वक माहौल में सुनते हुए निर्णय दिया है। इस निर्णय के मुताबिक राजस्थान कबीर यात्रा लोक कलाकारों और राजस्थान के सांस्कृतिक धरोहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण आयोजन है जो "लोकायन संस्थान" और "मलंग फोक फाउंडेशन" द्वारा आयोजित की जाएगी।
कोर्ट ने कहा है कि यदि आपसी विवाद में उक्त कार्यक्रम को आयोजित होने से रोका जाता है तो यह राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत और लोक कलाओं के संवर्धन के प्रति उचित नहीं होगा। इस आदेश पर दोनों पक्षों की सहमति बनी और न्यायाधीश ने आदेश दिया कि दिनांक 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक बीकानेर, कलासर, छतरगढ़, कालू और कतरियासर में सत्संग कार्यक्रम लोकायन और मलंग फोक फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाए।
दूसरी ओर इस मसले पर कोर्ट के शरण लेने वाले लोकायन के चन्द्र कुमार, रोहित बोड़ा का कहना है, अन्तरिम निषेधाज्ञा की अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद जिला न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने दोनों पक्षों की आपसी समझाईश और लोक हित को देखते हुए कबीर यात्रा आयोजन में लोकायन को आयोजक बनाने का अन्तरिम आदेश पारित किया। इसके अनुसार कबीर यात्रा अब लोकायन और मलंग फोक फाउंडेशन के संयुक्त आयोजन में आयोजित होगी। वाद में दायर अन्य बिन्दुओं (कार्यकारिणी चुनाव को अवैध करार देना, वित्तीय अनियमितताओं और लोकायन के बैनर तले होने वाले सभी आयोजनों को किसी और संस्था द्वारा न करने देने इत्यादि) पर सभी पक्षों की सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख़ तय की है।
विवाद इस बात पर :
वाद दायर करने वालों का आरोप है कि इस बार होने वाली राजस्थान कबीर यात्रा के आयोजन में मलंग फोक फाउंडेशन द्वारा लोकायन की जगह स्वयं को आयोजक होना प्रचारित किया। इस पर लोकायन संस्थान और इसके सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए संस्था के कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा प्रतिनिधत्व वाद पेश किया गया था जिस पर आज सुनवाई हुई। इनका कहना है, कबीर यात्रा की शुरुआत लोकायन ने की थी और अब तक सात संस्करणों में लोकायन ही आयोजक था। इस बार मलंग फोक फाउंडेशन ने खुद आयोजक होने का प्रचार-प्रसार किया जिसके खिलाफ न्यायलय में वाद दायर किया गया था। आरोप है कि लोकायन के सचिव ही मलंग फोक फाउंडेशन के निदेशक हैं जिन्होंने संस्था के निष्क्रिय होने की बात कह कर इसे मलंग फोक फाउंडेशन द्वारा आयोजित करने की सूचना प्रसारित की।