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राजस्थान भू राजस्व विधेयक 2025 विधानसभा से पारित, रीको के भूखंडों के प्रबंधन में मिलेगी सहजता

 

 RNE NETWORK.

विधानसभा में बुधवार को राजस्थान भू राजस्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक 2025 पारित किया गया। संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि प्रदेश के तेज औद्योगिक विकास हेतु यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है। इस संशोधन विधेयक के माध्यम से राजस्थान स्टेट इण्डस्ट्रियल डवलपमेन्ट एण्ड इन्वेस्टमेन्ट कारपोरेशन लिमिटेड (रीको) के अधीन भूखंडों के प्रबंधन के साथ-साथ उनके विनिमयन, भू रूपांतरण आदि प्रक्रियाओं में सहजता होगी।       

श्री पटेल ने बताया कि राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, 2025 के माध्यम से राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 को संशोधित किया गया है। इसके तहत संशोधन विधेयक लागू होने तक एवं तत्पश्चात् राज्य सरकार द्वारा रीको को प्रदत्त भूखंड रीको के अधीन किये गये माने जायेंगे और समस्त प्रयोजनों के लिए विधिमान्य समझे जायेंगे। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इस संशोधन विधेयक के माध्यम से रीको अपने अंतर्गत आने वाले भूखंडों का विनियमन कर सकेगा। रीको द्वारा अपने नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में किए गए भूमि के समस्त अंतरण, उप-विभाजन या भू-खंडों के विलयन, नियमितीकरण, भू-उपयोग के विनिर्देश और परिवर्तन आदि कार्य समस्त प्रयोजनों के लिए विधिमान्य समझे जाएंगे।      
श्री पटेल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक के माध्यम से रीको औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित भूखंडों के विकास, अभिन्यास योजनाओं की तैयारी और संशोधन, भूमि का व्ययन, अनुज्ञाएं प्रदान करने, अनुमोदन करने और नियमों के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों की क्रियान्विति हेतु समस्त शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा। श्री पटेल ने बताया कि संशोधन विधेयक के प्रावधान 18.09.1979 को या उससे पहले औद्योगिक उद्देश्यों के लिए आवंटित किसी भी भूमि पर लागू नहीं होंगे जिसका पट्टा राज्य सरकार या रीको द्वारा विधेयक पारित होने की तारीख को या उससे पहले निरस्त कर दिया गया हो।